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क्या हेयर ट्रांसप्लांट सच में उम्रभर चलता है? AIIMS के डॉक्टरों ने कहा Hair Transplant कराने से पहले जान लें ये बातें

Hair Transplant: अगर आप भी गंजेपन से परेशान हैं और हेयर ट्रांसप्लांट करवाना चाहते हैं तो डॉक्टर से जान लीजिए हेयर ट्रांसप्लांट कैसे होता है, कब तक टिकता है और इसके साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं.

हेयर ट्रांसप्लांट कब तक टिकता है?

Hair Transplant Procedure: हेयर ट्रांसप्लांट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति के गंजे सिर पर नए बाल लगाए जाते हैं. गंजेपन या लगातार बालों के झड़ने से परेशान लोग इस प्रोसीजर को आजमाते हैं. लेकिन, लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही रहता है कि क्या यह प्रक्रिया वास्तव में स्थायी है यानी क्या हेयर ट्रांसप्लांट परमानेंट होता है और उम्र भर चलता है या नहीं. इसी बारे में बता रहे हैं MD AIIMS डॉ. प्रदीप सेठी, और डॉ. एरिका बंसल, गोल्ड मेडलिस्ट, MD AIIMS दिल्ली. इस लेख को दोनों डॉक्टरों से बातचीत के आधार पर लिखा गया है. ऐसे में चलिए डॉ. प्रदीप और डॉ. एरिका से ही जानते हैं हेयर ट्रांसप्लांट कितने समय तक टिकता है और हेयर ट्रांसप्लांट कराने से पहले कौन सी जरूरी बातें जान लेनी चाहिए.

क्या हेयर ट्रांसप्लांट परमानेंट होता है | Is Hair Transplant Permanent

हेयर ट्रांसप्लांट परमानेंट होता है. मेडिकल साइंस के अनुसार हेयर ट्रांसप्लांट एक स्थायी प्रक्रिया है, लेकिन इसका परिणाम काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि मरीज आगे चलकर अपनी स्कैल्प और बालों की देखभाल कितनी जिम्मेदारी से करता है.

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हेयर प्लांट के लिए डोनर जोन कौन सा है

वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो मानव स्कैल्प दो हिस्सों में बंटा होता है, फ्रंट और क्राउन क्षेत्र जिसे अस्थिर माना जाता है, क्योंकि यह DHT (Dihydrotestosterone) नामक हार्मोन के प्रति अधिक संवेदनशील होता है. यही हार्मोन बाल झड़ने का प्रमुख कारण है. इसके विपरीत, सिर के पीछे और साइड्स में मौजूद बाल आनुवंशिक रूप से अधिक मजबूत होते हैं और DHT का प्रभाव उन पर नहीं पड़ता. यही क्षेत्र हेयर ट्रांसप्लांट के लिए डोनर जोन कहलाता है.

ट्रांसप्लांट किए गए बाल लंबे समय तक कैसे टिकते हैं

जब डॉक्टर इन डोनर एरिया से बाल निकालकर गंजे हिस्से में लगाते हैं, तो ये बाल अपना मूल गुण यानी DHT प्रतिरोध बनाए रखते हैं. इसे Donor Dominance का सिद्धांत कहा जाता है. इसका मतलब यह है कि बाल चाहे जहां भी लगाए जाएं उनकी आनुवंशिक प्रकृति नहीं बदलती. इसी वजह से ट्रांसप्लांट किए गए बाल लंबे समय तक बने रह सकते हैं.

क्या हेयर ट्रांसप्लांट नेचुरल दिखता है

डॉक्टर्स ने बताया कि यह समझना जरूरी है कि ट्रांसप्लांट किए गए बाल तो स्थायी होते हैं, लेकिन मरीज के पुराने या प्राकृतिक बाल आने वाले वर्षों में झड़ सकते हैं. यदि ऐसा होता है तो आगे की हेयरलाइन बनी रहती है लेकिन पीछे के बालों के कम होने से लुक अननेचुरल दिख सकता है. कई मामलों में “हेयर आइलैंड” (Hair Island) जैसी स्थिति बन जाती है, जिसमें केवल ट्रांसप्लांटेड बाल आगे दिखाई देते हैं और आसपास के प्राकृतिक बाल कम हो जाते हैं जिससे एक खाली गैप बनने लगता है. इसलिए लंबे समय तक प्राकृतिक और संतुलित परिणाम बनाए रखने के लिए नियमित मेंटेनेंस जरूरी मानी जाती है.

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद क्या करना चाहिए

हेयर ट्रांसप्लांट को अक्सर लोग एक बार की प्रक्रिया समझते हैं जबकि सर्जरी के बाद लंबे समय तक ध्यान देने की आवश्यकता होती है. डॉक्टर फिनास्टराइड और मिनॉक्सिडिल जैसी दवाएं मुख्य रूप से प्राकृतिक बालों को बचाने के लिए देते हैं, न कि नए बाल उगाने के लिए. ट्रांसप्लांटेड बाल स्थायी रहते हैं, लेकिन घनापन बनाए रखना मरीज की आगे की देखभाल पर निर्भर करता है.

हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफेक्ट्स क्या होते हैं

जहां तक इस प्रक्रिया के साइड इफेक्ट्स का सवाल है, सबसे पहले समझना आवश्यक है कि रिकवरी फेज पूरे परिणाम का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है. लोग अक्सर केवल सर्जरी के बाद की तस्वीरें देखते हैं, लेकिन सर्जरी और अंतिम परिणाम के बीच के दिनों में काफी बदलाव आते हैं. इस दौरान सिर की त्वचा कुछ दिनों तक सामान्य नहीं दिखती, जो इस प्रक्रिया का स्वाभाविक हिस्सा है.

सर्जरी के बाद सूजन होना सबसे आम लक्षणों में से एक है. प्रक्रिया के दौरान स्कैल्प में एनेस्थीसिया डाला जाता है, जो बाद में नीचे की ओर खिसककर माथे और आंखों के पास सूजन पैदा करता है. यह न तो दर्दनाक होता है और न ही खतरनाक और खुद ही कुछ दिनों में ठीक हो जाता है. लगभग एक महीने बाद अधिकांश मरीज शेडिंग फेज से गुजरते हैं जिसमें ट्रांसप्लांट किए गए बाल गिरने लगते हैं. यह बालों के अस्थायी विश्राम चरण का हिस्सा है और इससे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि फॉलिकल्स त्वचा के भीतर सुरक्षित रहते हैं और आगे चलकर नए और मजबूत बाल पैदा करते हैं.

रिकवरी के दौरान खुजली होना भी सामान्य है , लेकिन इस समय स्कैल्प सबसे संवेदनशील होता है, इसलिए सिर को रगड़ना या खुजलाना बेहद नुकसानदायक हो सकता है. डॉक्टर हल्की टैपिंग या सलाइन स्प्रे का उपयोग करने की सलाह देते हैं ताकि ग्राफ्ट्स सुरक्षित रहें.

कुल मिलाकर, हेयर ट्रांसप्लांट एक प्रभावी और स्थायी समाधान है, लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि मरीज भविष्य में अपनी स्कैल्प और बालों की देखभाल कितनी नियमितता से करता है. सूजन, खुजली और अस्थायी बाल झड़ना इस प्रक्रिया का स्वाभाविक हिस्सा हैं और अंतिम परिणाम तक पहुंचने के लिए इन चरणों से गुजरना आवश्यक होता है. इस दौरान विशेषज्ञों की सलाह मानना ही सबसे सुरक्षित और सफल तरीका है.

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अस्वीकरण - इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.


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