Cholesterol Symptoms: हाई कोलेस्ट्रॉल एक साइलेंट किलर होता है, क्योंकि इसके लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते हैं। हालांकि, कुछ रिसर्च और मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार आपके पैरों में दिखने वाले कुछ संकेत यह इशारा करते हैं कि आपकी आर्टरीज में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत अधिक बढ़ गया है। कोलेस्ट्रॉल ज्यादा होने से हार्ट अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। यह खून में पाया जाने वाला एक मोम जैसा पदार्थ कोलेस्ट्रॉल होता है।
कोलेस्ट्रॉल 2 प्रकार के होते हैं- गुड और बैड। गुड कोलेस्ट्रॉल की जरूरत हमारे शरीर को होती है क्योंकि यह बॉडी को फ्लेक्सिबल बनाता है। मगर बैड कोलेस्ट्रॉल वह पदार्थ होता है, जो आपको गंभीर से गंभीर बीमारियां दे सकता है। इस रिपोर्ट में समझिए कैसे बैड कोलेस्ट्रॉल के शुरुआती संकेत हमारे पैरों में दिखाई देते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के मुताबिक, जब खून का फ्लो सही से नहीं होता है, तो यह कोलेस्ट्रॉल का संकेत होता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से शरीर को पर्याप्त न्यूट्रिएंट्स भी नहीं मिलते हैं, जिस कारण पैरों में कमजोरी और संकेत दिखाई देते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल के वॉर्निंग साइन्स होते हैं।
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ये हैं 3 संकेत
1. पैरों में दर्द या ऐंठन
अगर आपको चलने या सीढ़ियां चढ़ने के दौरान पिंडलियों में दर्द या ऐंठन होती है, तो यह Peripheral Artery Disease (PAD) का संकेत हो सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल जमा होने के कारण आर्टरीज में रुकावट से होता है।
2. पैरों का ठंडा रहना
अगर आपके एक या दोनों पैर सामान्य से ज्यादा ठंडे रहते हैं, तो यह ब्लड सर्कुलेशन की कमी का संकेत हो सकता है। यह स्थिति आमतौर पर तब होती है, जब कोलेस्ट्रॉल शरीर में ब्लड फ्लो को रोकता है।
3. घाव का ठीक न होना
अगर आपके पैरों या पैर के अंगूठे पर घाव बहुत दिनों तक ठीक नहीं हो रहे हैं, तो यह गंभीर संकेत होता है, जो कोलेस्ट्रॉल से संबंधित होता है। ब्लड सर्कुलेशन का सही न होने की वजह से ही घावों को सही होने में समय लगता है।
इसके अलावा, बालों का झड़ना, पैरों में सुन्नपन या कमजोरी, पैरों का नीला पड़ना और पैर की नसें दिखना भी कोलेस्ट्रॉल के संकेत होते हैं।
कैसे पाएं राहत?
नेशनल हेल्थ सर्विस की रिपोर्ट के मुताबिक यदि कोलेस्ट्रॉल का स्तर सीमित है, तो इसे लाइफस्टाइल में परिवर्तन, खान-पान में बदलाव और अच्छी आदतों को अपनाने से सही हो सकता है। फाइबर और हेल्दी फैट लें, जंक फूड से परहेज करें।
लक्षण दिखने पर क्या करें?
ब्लड टेस्ट करवाएं- LDL और HDL लेवल की जांच करवाएं।
डॉक्टर से संपर्क करें, जैसे कार्डियोलॉजिस्ट या वैस्क्युलर एक्सपर्ट से।
दवा खाएं- यदि डॉक्टर कोई दवा दें तो उन्हें समय पर जरूर खाएं।