Heart Attack Causes: दुनियाभर में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। हार्ट अटैक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है, जो पहले तक बुजुर्गों और किसी बीमारी से पीड़ित लोगों को हुआ करता था। मगर अब हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर स्थितियों का जोखिम युवाओं को ज्यादा रहता है। भारत में भी पिछले कुछ समय से दिल के रोगियों के मामले बढ़ गए हैं। यहां भी युवाओं को हार्ट अटैक आने के चांसेज रहते हैं। हालांकि, अनहेल्दी लाइफस्टाइल इस बीमारी का प्रमुख कारण है। मगर क्या आप जानते हैं आपका व्यवहार भी इसकी एक वजह है?
जी हां, जिन लोगों का व्यवहार गुस्सैल होता है, उनके दिल पर इसका गहरा असर होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि एंग्री पर्सनालिटी वाले लोगों का हार्ट अटैक का रिस्क अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है। आइए जानते हैं इस पर एक्सपर्ट की राय।
गुस्सा और हार्ट अटैक का संबंध क्या?
गुस्सा तेज होने से हमारे दिमाग को भी मैसेज मिलता है कि आप नाखुश हैं, जिससे एक हार्मोन रिलीज होता है, जो स्ट्रेस को बढ़ाता है। जो लोग बहुत गुस्सा करते हैं, उनका बीपी भी हाई हो जाता है। हाई ब्लड प्रेशर भी कार्डियक अरेस्ट का एक कारण है। गुस्सा आने पर ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होता है। गुस्से के दौरान ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं और खून गाढ़ा होने लगता है। इससे दिल की धमनियों में ब्लॉकेज होने लगती है।
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एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
डॉक्टर नरेश मल्होत्रा, एमडी, कार्डियोलॉजिस्ट एंड डायबिटोलॉजिस्ट, आदित्य मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल, अहमदाबाद, बताते हैं कि जैसे कि हम लोग टीवी में देखते हैं घर का कोई सीनियर या फिर जिसकी सभी सुनते हैं। यदि घर में कोई बहस हो रही है, तो वह उठता है और तेज आवाज में सबको शांत करता है। उसे तभी सीने में दर्द होता है और गिर जाता है। असल जिंदगी में भी ऐसा होता है। अगर कोई शख्स अचानक से तेज गुस्सा करता है या बार-बार चिड़चिड़ा होने लगता है, उन्हें दिल के दौरे की संभावना अधिक होती है।
दरअसल, गुस्सा करने पर हमारे ब्रेन सेल्स को एक मैसेज जाता है। इस मैसेज की मदद से दिमाग में हार्मोन रिलीज होता है, जो कार्डियोवस्क्यूलर हेल्थ पर अटैक करते हैं, जिससे अटैक आने का रिस्क बढ़ जाता है। डॉक्टर के मुताबिक, गुस्सा आने के 2 घंटे के भीतर हार्ट अटैक का रिस्क लगभग 5 गुना रहता है।
कैसे बढ़ता है हार्ट अटैक का रिस्क?
1.ब्लड प्रेशर स्पाइक- डॉक्टर कहते हैं अचानक गुस्से में ब्लड प्रेशर इतना बढ़ सकता है कि हृदय पर दबाव पड़ जाता है।
2.प्लाक रप्चर- धमनियों में जमा फैट तेज गुस्से के कारण टूट सकता है, जिससे खून का थक्का बन जाता है और ब्लॉकेज हो सकती है।
3.धड़कन अनियमित होना- गुस्से में धड़कन असामान्य हो सकती है, जिससे दिल की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
गुस्से और हार्ट अटैक के वैज्ञानिक संबंध
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के जर्नल में भी एंगर और कार्डियो डिजीज के संबंध के बारे में बताया गया है। उनकी रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि इन दोनों के बीच जटिल, जानलेवा और पुराना संबंध है। रिपोर्ट में उदाहरण के तौर पर बताया गया है कि बौद्ध धर्म में क्रोध को तीन मन के जहर (लालच, क्रोध और पागलपन) में से एक माना जाता है। नकारात्मक भावनाएं गुस्से को बढ़ाती है और सर्कुलेशन को प्रभावित करती हैं। इसलिए, आज से नहीं पहले के समय में भी लोगों को गुस्सा तेज होने पर हार्ट अटैक आता था।
हार्ट अटैक के संकेत
ग्राफिक्स की मदद से समझें...
गुस्सा कम करने के लिए ये टिप्स अपनाएं
गुस्से को कंट्रोल करने के लिए मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग और योग करें।
यदि पहले से दिल के मरीज हैं, तो स्ट्रेस और तनाव को मैनेज करना सीखें।