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शुगर के मरीज हैं तो बिलकुल न करें ये 2 काम, पैरों और नर्व सिस्टम को पहुंचा सकते हैं नुकसान

Pedicures and Lower Limb Massages Risk In Diabetes:  शुगर की बीमारी में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और शरीर पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। खासकर, पैरों की देखभाल को लेकर। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, डायबिटीज पैरों के साथ-साथ शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर असर कर सकता है, जिससे […]

Pedicure Risks for Diabetic
Pedicures and Lower Limb Massages Risk In Diabetes:  शुगर की बीमारी में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और शरीर पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। खासकर, पैरों की देखभाल को लेकर। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, डायबिटीज पैरों के साथ-साथ शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर असर कर सकता है, जिससे ब्लड फ्लो में कमी और नर्व डैमेज के कारण पैरों की समस्याओं को ज्यादा सेंसिटिव बना देते हैं। ज़ैंड्रा हेल्थकेयर के चेयरपर्सन और रंग दे नीला पहल के सह-संस्थापक ने साझा करते हुए बताया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए खराब ब्लड सर्कुलेशन काफी चिंता का विषय है, क्योंकि इससे जोखिम बढ़ सकता है। लोगों को चलते समय दर्द महसूस हो सकता है, साथ ही उनके पैरों में झुनझुनी हो सकती है। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को पैरों में संक्रमण, अल्सर और घाव भरने में समय ज्यादा लगता है। नर्व डैमेज, जिसे न्यूरोपैथी के रूप में भी जाना जाता है। सबसे बड़ा मुद्दा है जो अंगों को अलग करने की संभावना को और बढ़ा देता है।

ये हैं वजहें 

पेडीक्योर (Pedicure) शुगर से पीड़ित महिलाओं का मानना ​​है कि पेडीक्योर उनके पैरों की देखभाल करने का एक अहम हिस्सा है। हालांकि, इस पर डॉक्टर ने ब्यूटी सैलून में पेडीक्योर न कराने की सलाह देते हैं बजाय, एक प्रोपर पैर की देखभाल के लिए एक ऑर्थोटिस्ट से मिलने की सलाह दी और जो पैरों की देखभाल में एक्सपर्ट हो। इस सावधानी के पीछे तर्क बस इतना है कि शुगर वाले लोग, पैरों की समस्याओं जैसे ब्लड सर्कुलेशन में कमी और नर्व डैमेज से ग्रस्त होते हैं। ये स्थितियां पैरों के संक्रमण से लड़ने की क्षमता को कम कर देते हैं और चोटों को महसूस करने की क्षमता को भी ख़राब कर देते हैं। पेडीक्योर के दौरान स्किन पर मामूली कट या खरोंच होने पर भी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि ग्राहकों के बीच फुट बाथ को साफ और कीटाणुरहित किया जाना चाहिए। क्लिपर्स और अन्य उपकरण को अच्छी तरह से वॉश करना चाहिए। नाखूनों की ट्रिमिंग कराते समय सावधानी बरतनी चाहिए। पैर के नाखून के किनारों को नुकीला छोड़ने के बजाय फ़ाइल से गोल आकार कर देना चाहिए। सबसे जरूरी बात ये है कि फंगल संक्रमण को छुपाने के लिए पैर के नाखूनों पर पेंटिंग करने से बचना चाहिए।

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निचले अंगों की मसाज

स्पा और वेलनेस सेंटर में अंगों की मालिश पर भी इसी तरह से सावधानी बरतनी चाहिए। शुगर से पीड़ितों को इन सेवाओं से बचना चाहिए और इसके बजाय किसी अच्छे ऑर्थोटिस्ट से परामर्श करना चाहिए। उचित ब्लड शुगर कंट्रोल, एक्सरसाइज, हेल्दी पोषण और तंबाकू छोड़ने से निचले अंगों के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में मदद मिल सकती है। अगर कोई भी अंगों की मालिश करवाना चाहता है, तो सबसे पहले प्रोफेशनल सलाह लेनी जरूरी है।

शुगर वालों में खराब ब्लड सर्कुलेशन के लक्षणों को पहचानना क्यों जरूरी है

शरीर में बिगड़े हुए ब्लड सर्कुलेशन के लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो सकता है, लेकिन जल्दी पहचान लेने से गंभीर समस्याओं को रोकने में मदद मिल सकती है। लेकिन याद रखें, जब पैरों की देखभाल की बात आती है, तो आम ब्यूटी पार्लर की सेवाओं को चुनने के बजाय एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए।
  • चलते समय पिंडली में दर्द
  • टूटे नाखून
  • ठंडे पैर
  • सूखी या फटी त्वचा (पैरों पर)
  • पैरों पर बालों का झड़ना
  • स्किन का रंग खराब होना
  • घावों का धीरे-धीरे ठीक होना
  • पैरों में झुनझुनी होना
 


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