Kya vape harmful hai: ई सिगरेट को वेप कहा जाता है. ई सिगरेट का मतलब है एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (E-Cigarette) है जिससे सिगरेट की तरह ही धुआं निकलता है. इसमें निकोटिन और फ्लेवर्ड लिक्विड होता है जिसमें इस लिक्विड का मिस्ट ही मुंह से अंदर लिया जाता है. आम सिगरेट से जलते तंबाकु वाले धुएं की तरह ही इसमें निकोटिन होता है. लेकिन, क्या वेपिंग (Vaping) यानी ई सिगरेट पीना सेहत के लिए अच्छा है या यह आम सिगरेट से बेहतर है? वेपिंग के बढ़ते ट्रेंड के बीच यह समझना जरूरी है कि वेपिंग का सेहत पर क्या असर होता है.
क्या ई सिगरेट आम सिगरेट से बेहतर है?
तंबाकू वाली सिगरेट के मुकाबले ई सिगरेट में कम टॉक्सिक सब्सटेंस होते हैं लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि यह सेहत के लिए अच्छी है या आम सिगरेट से बेहतर है. वेपिंग से शरीर में हैवी मेटल्स जाते हैं जो कैंसर (Cancer) की वजह बन सकते हैं. वेपिंग और स्मोकिंग दोनों से ही सांस की नली और फेफड़ों मे इरिटेशन होती है. स्मोकिंग से ब्रोंकाइटिस और क्रोनिक ओब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज हो सकता है तो वहीं वेपिंग इंफ्लेमेशन और फेफड़ों पर तनाव और दबाव को ट्रिगर करती है. इससे खांसी, व्हीजिंग और सांस फूलने जैसी दिक्कतें होती हैं. वेपिंग से स्मोकिंग की तरह ही फेफड़े डैमेज हो सकते हैं जिससे फेफड़ों को सही तरह से काम करने में दिक्कत होती है.
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें - ठंड में उंगलियों की सूजन का इलाज क्या है? एक्सपर्ट ने बताया सर्दियों में हाथ-पैर की उंगलियां लाल हों तो क्या करें
---विज्ञापन---
दिल की दिक्कतें बढ़ती हैं
वेपिंग से रक्त धमनियां डैमेज होने लगती हैं जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्ट रेट में इजाफा होता है. इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक आने का खतरा बढ़ता है. वेपिंग हार्ट अटैक के खतरे को तो कई ज्यादा बढ़ाती ही है, साथ ही इससे हाई कॉलेस्ट्रोल और ब्लड फ्लो में दिक्कत होने लगी है.
कैंसर का बढ़ता है खतरा
सिगरेट पीने पर व्यक्ति को कैंसर हो सकता है और वेपिंग यानी ई सिगरेट (E-cigarette) से भी यह खतरा बना रहता है. ई सिगरेट में कार्सिनोजेन्स होते हैं जो इंफ्लेमेशन को बढ़ाते हैं और DNA डैमेज करते हैं. इससे इम्यूनिटी खराब होती है, अस्थमा का अटैक आ सकता है और प्रजनन क्षमता भी कम हो सकती है. पुरुषों में खासतौर से लोअर स्पर्म काउंट देखने को मिल सकता है और महिलाएं अगर वेप करती हैं तो प्रेग्नेंसी में कोम्प्लिकेशंस आ सकती हैं.
क्या ई सिगरेट की लत लग सकती है
आम सिगरेट और ई सिगरेट दोनों ही एडिक्टिव होते हैं यानी दोनों की ही लत लग सकती है. कई लोगों को लगता है कि वे आम सिगरेट छोड़ने के लिए अगर वेप करने लगें तो इससे धूम्रपान की लत नहीं रहेगी. लेकिन, ऐसा नहीं होता है. ई सिगरेट से निकोटिन पर निर्भरता बढ़ती है, निकोटिन की इच्छा में इजाफा होता है और आम सिगरेट से ज्यादा वेप करने का मन करता रहता है.
मानसिक दिक्कतें भी हो सकती हैं
ई सिगरेट दिमागी सेहत को भी प्रभावित करती है. इससे एंजाइटी होने लगती है, इरिटेशन बढ़ती है और ध्यानकेंद्रित करने में दिक्कतें आती हैं. वेपिंग मेंटल हेल्थ को खराब करने का काम करती है.
ऐसे में ई सिगरेट किसी भी तरह से आम सिगरेट से बेहतर नहीं है बल्कि ज्यादा हानिकारक हो सकती है.
यह भी पढ़ें - तुलसी से कौन सी बीमारी ठीक होती है? यहां जानिए रोजाना तुलसी के पत्ते खाने से क्या होता है
अस्वीकरण - इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.