TrendingIndigoBigg Boss 19Goa news

---विज्ञापन---

डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए अपनाएं MRPS फार्मूला, जानें कैसे और कब करेगा काम?

डायबिटीज को लाइलाज बीमारी माना जाता है, मगर कुछ घरेलू तरीकों से आप इसे मैनेज कर सकते हैं। हम आपको डायबिटीज मैनेज करने वाले एमआरपीएस फार्मूला के बारे में बता रहे हैं, जो हर मधुमेह रोगी को अपनाना चाहिए।

Diabetes Prevention Tips
शुगर की बीमारी के मरीजों की संख्या दुनियाभर में लगातार बढ़ रही है। डायबिटीज की बीमारी ऐसी है, जो हर आयु के लोगों को प्रभावित कर रही है। शुगर बढ़ने से शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचता है। हालांकि, शुगर कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन रेजिस्टेंट दवाएं खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन दवाओं के साइड-इफेक्ट्स से शरीर के अन्य अंग प्रभावित हो सकते हैं। डॉक्टर भाग्येश कुलकर्नी बताते हैं कि बीमारियों से बचाव के लिए हमें कुछ जरूरी और छोटे बदलाव करने की जरूरत होती है ताकि उसकी रोकथाम और प्रबंधन आसानी से हो सके। डायबिटीज भी एक लाइफस्टाइल डिजीज है। अगर हम अपनी लाइफ में MRPS फार्मूला को अपनाते हैं, तो इससे शुगर कंट्रोल की जा सकती है और जिन्हें टाइप-1 है, वे टाइप-2 में जाने से खुद को बचा सकते हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

महाराष्ट्र बेस्ड डॉक्टर भाग्येश कुलकर्नी कहते हैं कि डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए कुछ छोटे बदलाव को करने की जरूरत होती है, जिनमें MRPS फार्मूला होता है। इस फार्मूले की मदद से हर कोई आसानी से बिना दवा के शुगर के स्तर को नियंत्रित कर सकता है। ये भी पढ़ें- World TB Day: पेट दर्द भी कही टीबी के लक्ष्ण तो नहीं? जानें बचाव के तरीके

क्या है MRPS फार्मूला?

MRPS फार्मूला में हर लेटर का अपना अर्थ है। यहां समझें: M- एम से मिल्क और मीट की बात समझाई जा रही है। इसका मतलब है कि पैकेट वाला दूध पीने से परहेज करें। एम से दूसरा संबंध मीट से है। मीट हैवी नॉनवेज आइटम होता है, शुगर के मरीजों के लिए यह भी हानिकारक है। दरअसल, मीट और मिल्क दोनों ही प्रोसेस्ड होते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों को नहीं खाने चाहिए। R- आर से संबंध है रिफाइंड फ्लॉर, रिफाइंड मिल्क, रिफाइंड चीनी और रिफाइंड तेल जैसे सभी रिफाइंड फूड्स से दूरी बनाएं। इन चीजों की प्रोडक्शन फैक्ट्रियों में की जाती है। वहां की प्रोसेसिंग से इन फूड्स में से पोषण खत्म हो जाता है। P- सभी प्रकार के पैक्ड और प्रोसेस्ड फूड्स, इनमें अधिकांश चीजें पैकेट बंद बिस्कुट, चिप्स और बर्गर या पिज्जा होती हैं। शुगर के मरीजों को इन चीजों से दूरी बनानी चाहिए क्योंकि इन सभी फूड्स में अनसैचुरेटेड फैट्स और ग्लाइसेमिक इंडैक्स हाई होता है। S- एस से यहां मतलब शुगर और सॉल्ट से है। व्हाइट शुगर और सॉल्ट दोनों ही इन लोगों के लिए सही नहीं हैं। मीठे से तो पूरी तरह परहेज करें। नमक के लिए सफेद नमक की जगह हिमालयन पिंक सॉल्ट या सेंधा नमक खा सकते हैं।

MRPS फार्मूला कब करेगा काम?

MRPS फार्मूला तब काम करेगा जब आप इसे नियमित रूप से अपनाएंगे और अपनी जीवनशैली में सुधार लाएंगे। इसका प्रभाव तुरंत नहीं दिखेगा, लेकिन यदि आप इसे लंबे समय तक अपनाएंगे, तो आपको ब्लड शुगर का स्तर काफी हद तक नियंत्रित हो सकता है। ये भी पढ़ें- World TB Day: समान्य और टीबी की खांसी में क्या अंतर? जानें एक्सपर्ट से Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


Topics:

---विज्ञापन---