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Covid Alert: क्या दोबारा लेना पड़ सकता है बूस्टर डोज? चीन-सिंगापुर के बाद भारत में भी एक्टिव कोरोना

Covid Alert: कोरोना वायरस का प्रकोप फिर से पूरी दुनिया पर छाया हुआ है। इस बार यह वेरिएंट पहले से ज्यादा खतरनाक है। एशिया के कई देशों में इसको लेकर अलर्ट जारी है। क्या कम हो जाएगा पहले ली गई बूस्टर डोज का असर?

Covid Alert: साल 2020 में चीन से निकले एक वायरस जिसे कोरोना वायरस के नाम से जाना जाता है, निकला था। माना जाता है कि ये चीन की किसी लैब में विकसित वायरस था, जो गलती से बाहर इंसानों तक पहुंचा था। हालांकि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन इसकी शुरुआत चीन से हुई, जो धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल गया था। पिछली बार कोरोना ने 2 सालों तक लोगों को परेशान किया था। अब धीरे-धीरे फिर से कोरोना के नए वेरिएंट ने दुनिया में लोगों के अंदर खौफ पैदा कर दिया है। कोरोना के नए वेरिएंट को ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब-वेरिएंट के रूप में देखा जा रहा है। इसका नाम JN.1 है। इसे पहले के वेरिएंटों की तुलना में ज्यादा खतरनाक माना गया है और यह संक्रामक भी है।

सिंगापुर में पॉजिटिविटी रेट बढ़ा

सिंगापुर में मई 2025 में कोरोना के नए वेरिएंट के मामले 14,000 तक पहुंच गए हैं। यह पिछले साल से 28% अधिक है। हांगकांग में भी पिछले 10 हफ्तों के अंदर ही 30% मामले बढ़ गए हैं। चीन में भी नए मामलों की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र में 21 मई को 53 कोरोना के नए मामलों की पुष्टि हुई थी। ये भी पढ़ें- Covid Alert: यूपी में बढ़ी निगरानी, एडवाइजरी जारी, नए वेरिएंट है ज्यादा खतरनाक

हांगकांग में बुजुर्गों पर हमला

हांगकांग के स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, वहां जिन मरीजों की मौतें हुई हैं, वे कोरोना का बूस्टर डोज और वैक्सीन ले चुके हैं। ये सभी बुजुर्ग मरीज थे, जिन्हें हर्ड इम्युनिटी की प्रॉब्लम है। इसमें ऐसा होता है कि बार-बार सर्दी-जुकाम होने से या वायरस की चपेट में आने से बूस्टर डोज का असर कम होने लगता है। इसलिए, सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या कोरोना की बूस्टर डोज दोबारा लेनी पड़ेगी?

हेल्थ एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

दुनिया के बड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो बुजुर्गों और बच्चों की इम्युनिटी बाकियों की तुलना में कम होती है। जो लोग पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं, उनकी भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में इन लोगों को इम्यूनिटी को स्ट्रॉन्ग करने के लिए बूस्टर डोज लगवाना चाहिए। अगर किसी ने 6 महीने से ज्यादा समय पहले बूस्टर डोज ली थी, वे फिर से इसे लगवा सकते हैं। जिन्हें संक्रमण बार-बार हुए हैं, वे भी बूस्टर डोज लगवाएं।

JN.1 वेरिएंट के संकेत

  • बुखार।
  • सिरदर्द।
  • नाक बहना।
  • गले में खराश।
  • खांसी।
  • दस्त, उल्टी और मतली।

पहले से सावधानी बरतना जरूरी

किसी भी संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आपको पहले से ही सावधानी बरतनी होती है, ताकि रोकथाम में मदद मिल सके। ये तरीके जरूर अपनाएं:
  • मास्क पहनें।
  • भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहें।
  • अगर किसी को संक्रमण हुआ है या आप संक्रमित हैं, तो दूसरों से अलग रहें।
  • खान-पान का ध्यान रखें, बाहर की चीजों से परहेज करें।
  • घर के अंदर और स्वयं की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
  • अपने साथ सेनिटाइजर कैरी करें ताकि बाहर भी हाथ साफ रहें।
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