Copper IUD Kya Hai: प्रेग्नेंट ना होने के लिए कॉपर टी या कॉपर IUD लगवाया जाता है. यह नॉन हार्मोनल गर्भनिरोधक होता है. कॉपर टी एक लॉन्ग-एक्टिंग रिवर्सिबल गर्भनिरोधक है जिसे लगवाने के बाद प्रेग्नेंसी (Pregnancy) को रोका जा सकता है. कई बार महिलाओं को कॉपर टी के बारे में थोड़ा बहुत अंदाजा तो होता है लेकिन इसे लेकर मन में उलझन और एक डर होता है कि कहीं इसे लगवाने में बहुत ज्यादा दर्द तो नहीं होता या फिर कॉपर टी (Copper T) लगवाने के बाद यह कितने सालों तक असरदार होता है. इंस्टाग्राम पर डॉ. सुप्रिया पूनिया ने एक वीडियो शेयर किया है और बताया है कि कॉपर टी क्या है, कैसे काम करता है, इसे कौन लगवा सकता है और किन महिलाओं को कॉपर टी नहीं लगवाना चाहिए. आप भी जानिए गर्भनिरोधक कॉपर आईयूडी से जुड़ी ये जरूरी बातें.
कॉपर टी क्या है और कैसे काम करता है
कॉपर टी के आर्म्स पर कॉपर लगा होता है जोकि स्पर्मिसिडल होता है और फर्टिलाइजेशन और इंप्लांटेशन नहीं होने देता. ऑव्यूलेशन पर इसका कोई असर नहीं होता है.
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डॉ. सुप्रिया पूनिया ने बताया कि कॉपर टी एक लॉन्ग टर्म रिवर्सिबल कोंट्रासेप्शन अल्ट्रा यूट्रिन डिवाइस है जिसे गर्भाशय के अंदर लगाया जाता है. यह 5 से 10 सालों तक गर्भधारण को रोकता है यानी प्रेग्नेंसी को रोकने वाला डिवाइस है जिसे निकालने के बाद ही फर्टिलिटी वापस आ जाती है और आप फिर से मां बन सकती हैं.
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किन्हें कॉपर टी लगवाना चाहिए?
कॉपर टी उन कपल्स के लिए बेस्ट है जो प्रेग्नेंसी कुछ दिन रोकना चाहते हैं और जिन्हें निरोध (Contraception) के हॉर्मोनल तरीके सूट नहीं करते हैं.
कॉपर टी डालने में कितना दर्द होता है?
डॉक्टर ने बताया कि कॉपर टी डलाने या लगवाने का प्रोसीजर 5 से 10 मिनट का छोटा सा प्रोसीजर होता है. ज्यादातर महिलाओं को थोड़ा दर्द महसूस हो सकता है. इसमें लगे धागे से महिला और डॉक्टर को पता लग जाता है कि कॉपर टी सही जगह लगी है या नहीं.
कॉपर टी के साइड इफेक्ट्स क्या होते हैं?
- हैवी ब्लीडिंग हो सकती है यानी कि खून निकल सकता है.
- क्रैंप्स हो सकते हैं, दर्द होने लगता है.
- PID यानी पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज हो सकता है, हालांकि इसकी संभावना ना के बराबर होती है.
क्या कॉपर टी लगाने के बावजूद प्रेग्नेंट हो सकते हैं?
डॉक्टर का कहना है कि कॉपर टी इसलिए लगाया जाता है ताकि प्रेग्नेंट ना हों, लेकिन फेलियर होने पर एक्टॉपिक प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ जाती है.
किसे नहीं लगवाना चाहिए Copper IUD
ऐसी कुछ कंडीशंस हैं जिनमें कॉपर टी नहीं लगाई जाती और ना ही लगवाई जानी चाहिए-
- प्रेग्नेंसी
- जब पता ना हो कि ब्लीडिंग क्यों हो रही है
- PID या सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज होने पर
- सर्वाइसाइटिस
- सर्वाइकल कैंसर या एंडोमेट्रियल कैंसर
- डिस्टोर्टेड कैविटी जैसे फाइब्रोइड या कंजेनिटल
- अबोर्शन करवाने के बाद या प्यूपेरल सेप्सिस में
- कॉपर एलर्जी होने पर, विल्सन डिजीज में कॉपर टी नहीं लगवाना चाहिए.
कॉपर टी लगवाने में कितने पैसे लगते हैं?
भारत में कॉपर टी लगवाने में 600 से 2 हजार रुपए तक लग सकते हैं. सरकारी अस्पताल में यह कीमत और कम हो सकती है.
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अस्वीकरण - इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.