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एक मच्छर भी दे सकता है मौत! क्या कहती है द लैंसेट की रिपोर्ट

Chikungunya Risk: चिकनगुनिया (Chikungunya) मच्छरों के कारण होने वाली बीमारी है। यह वायरस इंफेक्टेड मादा मच्छर के काटने से फैलता है। इसका फैलाव आमतौर पर दिन के समय में ज्यादा रहता है, लेकिन इससे संक्रमित होने पर मरीजों को जान का खतरा क्यों रहता है? जानिए इसपर लैंसेट स्टडी क्या कहती है।

चिकनगुनिया का खतरा Image Credit: Freepik
Chikungunya Risk: चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है, जो इंफेक्ट्ड मच्छरों से इसानों में फैलती है। इस बीमारी का कारण चिकनगुनिया वायरस होता है और इसमें अचानक ही तेज बुखार और जोड़ों में दर्द होता है, जो काफी गंभीर और कमजोरी महसूस कराने वाला हो सकता है, लेकिन क्या आपको पता है, जिन लोगों को चिकनगुनिया की बीमारी होती है, उनमें अक्सर जान का जोखिम रहता है। हाल ही में एक नई स्टडी में चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) से संक्रमित होने के बाद मौतों के बढ़ते जोखिम का पता चला है। द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज (The Lancet Infectious Diseases) में प्रकाशित इस स्टडी में लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (London School of Hygiene and Tropical Medicine) के रिसर्चरों सहित 100 मिलियन ब्राजीलियाई ग्रुप के 1,50,000 चिकनगुनिया संक्रमणों का एनालिसिस किया गया। चिकनगुनिया वायरस, एडीज एजिप्टी (Aedes Aegypti) और एडीज एल्बोपिक्टस (Aedes Albopictus) मच्छरों से फैलता है, जो गंभीर जोड़ों के दर्द और बुखार का कारण बनता है। 2023 में दुनिया भर में लगभग 5,00,000 मामले और 400 मौतें हुईं। [embed] स्टडी में पाया गया कि संक्रमण के तीन महीने बाद भी खतरा बढ़ सकता है। पहले सप्ताह के दौरान संक्रमित लोगों के मरने की संभावना 8 गुना ज्यादा थी और तीन महीने के बाद मरने की संभावना दोगुनी हो गई थी। बढ़ते हुए जोखिम में दिल से जुड़ी समस्याएं,  मेटाबॉलिज्म संबंधी परेशानियां और किडनी की बीमारियां शामिल हैं। क्लाइमेट चेंज और शहरीकरण की वजह से चिकनगुनिया जैसी एडीज बीमारियों के बढ़ने की आशंका है, जिससे पब्लिक हेल्थ के लिए खतरा बढ़ रहा है। वर्तमान में, कोई बचाव करने वाली दवाएं या संक्रमण के बाद के उपचार मौजूद नहीं हैं, लेकिन पहले चिकनगुनिया टीके को नवंबर 2023 में यूएस एफडीए द्वारा अप्रूव किया गया था। प्रोफेसर डॉ. एनी दा पैक्साओ क्रूज ने एक बयान में कहा कि चिकनगुनिया संक्रमण बढ़ने की आशंका के साथ ही यह महत्वपूर्ण है कि स्वास्थ्य सेवाएं उन जोखिमों पर विचार करें, जो संक्रमण खत्म होने के बाद भी बने रहते हैं। ये भी पढ़ें- चिकन खाने वाले सावधान! फिर से दस्तक दे चुका है बर्ड फ्लू

चिकनगुनिया के लक्षण 

  • अचानक तेज बुखार आना
  • जोड़ों का दर्द
  • सिरदर्द
  • आंख आना
  • जी मिचलाना
  • वोमिटिंग करना

चिकनगुनिया से कैसे करें बचाव 

  • अपने आपको अच्छे से कवर करके रखें।
  • स्किन या कपड़ों पर कीटनाशक दवाई का यूज करें।
  • अगर आप दिन में सोते हैं, तो मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  • अगर आप बाहर बहुत ज्यादा समय बिताते हैं, तो अच्छे से खुद को कवर करके रखें।
  • दिन के समय कॉइल या कीटनाशक का इस्तेमाल करें।
Disclaimer: उपरोक्त जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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