हड्डियों और दांतों पर असर
ऑस्टियोपोरोसिस- हड्डियों की डेंसिटी कम हो जाती है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं। ऑस्टियोमलेशिया- एडल्ट में हड्डियों का मुलायम होना, जो दर्द और हड्डियों के टूटने का कारण बनता है। रिकेट्स- बच्चों में हड्डियों का डीस्टोर्ड होना, जिससे वे कमजोर और मुड़ सकती हैं। दांतों का कमजोर होना और उनमें कैविटी होना।मांसपेशियों पर असर
मांसपेशियों में ऐंठन और खिंचाव। मांसपेशियों की कमजोरी और थकान।नर्वस सिस्टम पर असर
नर्व से जुड़ी समस्याएं जैसे सुन्नता और झुनझुनी। चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग होना शामिल है।दिल पर असर
दिल की धड़कन में अनियमितता (एरिथमिया)। हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन)।अन्य प्रभाव क्या होते हैं
त्वचा में सूखापन और खुजली। नाखूनों का कमजोर और टूटना। बालों का झड़ना और कमजोर होना।हार्मोनल इंबैलेंस
पैराथायराइड हार्मोन के लेवल में बढ़ोतरी होना, जो हड्डियों से कैल्शियम को रिलीज कर सकती है और हड्डियों को और कमजोर कर सकती है।खून के थक्के जमने में समस्या
खून का जमाव धीमा हो सकता है, जिससे चोट लगने पर अधिक खून बहने का खतरा बढ़ जाता है। कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए कैल्शियम युक्त डाइट जैसे दूध, पनीर, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, और सप्लीमेंट्स का सेवन करना जरूरी है। ये भी पढ़ें- कम पानी पीने से किडनी स्टोन का खतरा कितना ज्यादा? किन बातों का रखें ख्याल
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।