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युवाओं के लिए साइलेंट किलर बन रहा है अपेंडिक्स कैंसर, डॉक्टर से जानें कारण और शुरुआती संकेत

Cancer Causes: कैंसर की बीमारी जानलेवा होती है। इससे बचाव के लिए आपको जल्दी से जल्दी लक्षणों को समझकर इलाज करने की जरूरत होती है या फिर रोकथाम करनी चाहिए। एक हालिया रिपोर्ट में पता चला है कि युवाओं में इस कैंसर का रिस्क सबसे ज्यादा है, जिसका एकमात्र कारण यह है कि उन्हें इस बारे में पता नहीं चल पाता है।

SOURCE- NEWS 24
Cancer Causes: कैंसर जैसे रोगों का नाम सुनते ही लोगों में डर बैठ जाता है। अगर किसी को यह हो जाए, तो उस शख्स के साथ-साथ उसके सभी परिजनों को भी चिंता बढ़ जाती है। इसका कारण यह है कि लोग इसका इलाज तो करते हैं मगर कई बार ट्रीटमेंट सफल नहीं हो पाता है। कई बार कैंसर के बारे में पता लगने में भी देरी हो जाती है, जो बीमारी को और घातक बना देती है। अपेंडिक्स कैंसर, जो युवाओं में इन दिनों तेजी से बढ़ रहा है। इसका भी प्रमुख कारण संक्रमण का देर से पता चलना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर साल एक लाख लोगों में से दो से भी कम में इसका पता चलता है, मगर फिर भी इसके प्रति जागरूकता बढ़ाना बेहद आवश्यक है। हालांकि, हर अपेंडिसाइटिस का मतलब कैंसर नहीं होता है, लेकिन सही समय पर बीमारी का पता न चलना भी सही नहीं है। इससे जांच और उपचार में देरी होती है।

रिसर्च क्या कहती है?

अपेंडिक्स कैंसर एक दुर्लभ बीमारी है और इसकी घटनाएं बहुत कम होने के कारण इसे अक्सर अंतरराष्ट्रीय डेटा में कोलन या रेक्टल कैंसर के साथ जोड़ा जाता है। हालांकि, हाल के आंकड़ों, विशेष रूप से अमेरिका के SEER डेटाबेस से इस बात का खुलासा हुआ है कि पिछले कुछ सालों में इसके मामलों में तीन गुना तक बढ़ोतरी हुई है। उससे भी गंभीर बात यह है कि यह बढ़त युवाओं में देखी गई है। ये भी पढ़ें- सावधान! मुंह के ये अल्सर बन सकते हैं कैंसर का कारण, जानें डॉक्टर की राय

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

सैफी हॉस्पिटल मुंबई के सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट विभाग के डॉ. मोहम्मद मिथी बताते हैं कि कैंसर की पहचान में आई इस वृद्धि का एक मुख्य कारण उन्नत जांच तकनीकों का उपयोग है। आज के समय में सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड जैसी इमेजिंग पद्धतियां आम हो गई हैं, जिससे अक्सर पेट दर्द जैसी संकेतों की जांच के दौरान अपेंडिक्स में मौजूद ट्यूमर के बारे में पता चल रहा है। पहले इन लक्षणों की गंभीरता कम समझी जाती थी और यही कारण था कि कैंसर का पता या तो देर से चलता था या बिल्कुल नहीं चल पाता था।

अपेंडिक्स कैंसर के कारण

डॉक्टर के अनुसार, युवाओं की मॉडर्न लाइफस्टाइल है। इनका यह लाइफस्टाइल मॉडर्न है मगर हेल्दी नहीं है। खराब खानपान, खराब पर्यावरण के संपर्क में अधिक समय तक रहना और जेनेटिकल डिसऑर्डर्स भी अपेंडिक्स कैंसर के होने का कारण है।

अपेंडिक्स कैंसर के प्रकार

अपेंडिक्स कैंसर कई प्रकार का हो सकता है जैसे न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (NETs), एडेनोकार्सिनोमा और गोब्लेट सेल कार्सिनोमा। कुछ प्रारंभिक चरण के NETs का इलाज केवल अपेंडिक्स को हटाने से हो सकता है। लेकिन ज्यादा गंभीर प्रकार के कैंसर के लिए सर्जरी की जरूरत होती है।

अपेंडिक्स कैंसर के लक्षण

  • पेट फूलना या भारीपन।
  • पेट में हर समय लिक्विड ज्यादा होने जैसा महसूस करना।
  • कमर का आकार बढ़ा होना।
  • मल त्याग की आदतों में बदलाव दिखना।
  • कम खाना खाने के बाद भी पेट भरा हुआ महसूस करना।

जरूरी सलाह

डॉक्टर बताते हैं कि युवाओं में अगर पेट से संबंधित कोई लक्षण लगातार बन रहें हैं तो उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। जल्दी पहचान होने पर इलाज ज्यादा असरदार होता है और पहले जहां इलाज कठिन समझा जाता था, वहां अब पूर्ण रूप से ठीक होने की संभावना काफी बढ़ गई है। इसलिए, लक्षणों को नजरअंदाज करने से बचें। इसके अलावा, महिलाओं को अपेंडिक्स कैंसर का रिस्क ज्यादा होता है इसलिए वे 40 की आयु के बाद हर साल एक बार कैंसर की जांच जरूर करवाएं। ये भी पढ़ें- क्या आप भी पेशाब रोकते हैं? जानिए कैसे ये आदत बढ़ा रही है बीमारियों का रिस्क Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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