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Uttarkashi: सुरंग में फंसी 41 जिदंगियों को बचाने के लिए अब भगवान का सहारा! मंदिर बनाकर शुरू हुई पूजा

Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue Operation: उत्तरकाशी टनल हादसे को 7 दिन पूरे हो चुके हैं। अब तक फंसे हुए मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। जानकारी के अनुसार खुदाई में लगी दो मशीनें अब तक खराब हो चुकी है।

Uttarakhand Tunnel Collapse latest news
Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue Operation Latest Update: उत्तराखंड के टनल हादसे में अब एक नया अपडेट सामने आया है। अब तक यह कहा जा रहा था कि टनल के मलबे में 40 मजदूर फंसे हुए हैं। लेकिन शनिवार सुबह अधिकारियों ने बताया कि टनल में एक और मजदूर के फंसे होने की जानकारी सामने आई है। ऐसे में अब फंसे मजदूरों की संख्या 40 से बढ़कर 41 हो गई है। बता दें कि पिछले 6 दिनों से एस्कवेटर और ड्रिलिंग के जरिए मजदूरों को निकालने की कोशिश की जा रही थी लेकिन अब तक किए गए सारे उपाय फेल रहे हैं। ऐसे में सुबह पीएमओ से पहुंची एक टीम ने टनल का निरीक्षण किया और प्लान बी पर काम करने को कहा है। प्लान बी के अनुसार अब यह तय हुआ है कि टनल को ऊपर से काटकर मजदूरों को एयरलिफ्ट किया जाएगा। इस पर रेलवे और नाॅर्वे की एक्सपर्ट टीम काम कर रही है। इस बीच टनल के गेट पर एक मंदिर का निर्माण कर अंदर फंसे लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए पूजा-पाठ शुरू कर दी गई है। उनके सकुशल लौटने की दुआएं की जा रही हैं। उत्तरकाशी में सिल्क्यारा टनल का एक हिस्सा ढहे 7 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब तक अंदर फंसे 41 मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। अलग-अलग राज्यों में रहने वाले मजदूरों के परिजन उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं। कई परिजन तो टनल के पास ही रात गुजार रहे हैं। उधर झारखंड सरकार ने मजदूरों को बाहर निकालने के लिए स्पेशल आईएएस अफसर भुवनेश प्रताप सिंह को तैनात किया है वे मजदूरों के बाहर आने के बाद उन्हें वापस ले जाने आए हैं। बता दें कि अंदर मौजूद 41 मजदूरों में से सबसे ज्यादा 15 लोग झारखंड से और उसके बाद 8 लोग यूपी के हैं। शुक्रवार को 41 में से 2 की तबीयत खराब हो गई इसमें से एक को अस्थमा और दूसरे को मधुमेह हैं। इन्हें फूड सप्लाई करने वाले पाईप से दवाई और अन्य खाने की सामग्री भेजी जा रही है।

अब तीसरी मशीन का इंतजार

शुक्रवार की सुबह उत्तरकाशी के डीएम ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि टनल में 30 मीटर तक रेस्क्यू पाइप डाले जा चुके हैं। फिर बताया गया कि ड्रिलिंग के दौरान बीच में चट्टान आ जाने से काम रोकना पड़ा। वहीं अन्य अधिकारी ने बताया कि अब तक 24 मीटर ड्रिलिंग हो चुकी है। कुछ अधिकारी 22 मीटर की बात भी कर रहे हैं। अब तक ड्रिलिंग के लिए 2 मशीनें खराब हो चुकी है। अब बचाव अभियान आज शनिवार को तीसरी मशीन के आने के बाद फिर शुरू किया जाएगा। 15 नवंबर को उत्तरकाशी पहुंची हैवी अमेरिकी ड्रिलिंग मशीन ऑगर्स के सामने पत्थर आने की वजह से मशीन खराब हो गई। डायरेक्टर्स की ओर से कहा गया कि धीरे-धीरे काम चल रहा है। अब आज बचाव अभियान को तीसरी मशीन का इंतजार है। वहीं टनल में फंसे मजदूरों से बात करने के लिए वाॅकी टाॅकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुछ मजदूरों के पास फोन थे जो कि डिस्चार्ज हो गए हैं। वहीं वाॅकी-टाॅकी से बात कर उन्हें हिम्मत बंधाई जा रही है कि जल्द ही उन्हें बचाया जा सके।  


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