Uttarakhand Tunnel Collapse Rescue Operation Latest Update: उत्तरकाशी में टनल हादसे को अब तक 9 दिन हो चुके हैं। यह हादसा दिवाली के दिन रविवार 12 नवंबर को सुबह 4 बजे हुआ जिसमें निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा ढह गया। हादसे के कारण 41 मजदूर अभी टनल में फंसे हैं। टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए आज सुबह इंटरनेशनल टनलिंग स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर ऑर्नल्ड डिक्स उत्तरकाशी पहुंचे। डिक्स ने यहां पहुंचकर टनल का निरीक्षण किया और फिर दो स्पाॅट फाइनल किए हैं। उन्होंने मलबे की जांच कर कहा कि ये मशीनें पत्थरों को ड्रिल कर सकती है।
बता दें कि प्रोफेसर डिक्स दुनियाभर में टनल सेफ्टी एक्सपर्ट के तौर पर जाने जाते हैं। उधर सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के इंजीनियर जसवंत कपूर ने बताया कि दो और ड्रिलिंग मशीनें गुजरात और ओडिशा से मंगलवार तक उत्तरकाशी पहुंचने की उम्मीद है।
मशीन को ला रहा ट्रक खाई में गिरा
इस बीच उत्तरकाशी में टनल ढहने से फंसे मजदूरों को बचाने के लिए ट्रक में लाई जा रही ड्रिलिंग मशीन ऋषिकेश में खाई में गिर गई। हादसा रविवार रात 3 बजे हुआ। हादसे में ट्रक ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गया है। वहीं दूसरी मशीन उत्तरकाशी पहुंच गई है। बता दें कि दोनों मशीनें सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड की थीं। हालांकि अभी तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिल सकी है।
इस बीच पीएम मोदी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर श्रमिकों के लिए चल रहे राहत व बचाव कार्याें की जानकारी ली। पीएम मोदी ने कहा कि फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए केंद्र की ओर हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की एजेंसियों के आपसी समन्वय से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा। इसके साथ ही पीएम ने फंसे हुए श्रमिकों के मनोबल बढ़ाने पर भी जोर दिया है।
हालांकि राहत की बात यह है कि 50 घंटे बाद एक फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो चुका है। वहीं सिलक्यारा टनल से खाना भेजने के लिए छोटा पाइप ड्रिल किया जा रहा है। वहीं जहां मलबा गिरा है वहां से रोबोट भेजकर रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है। रविवार दोपहर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम धामी राहत कार्यों का जायजा लेने पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने की है।
7 दिन में 4 मशीनें फेल
बता दें कि पिछले 7 दिन में रेस्क्यू के लिए 4 मशीनें आ चुकी हैं लेकिन सभी फेल हो चुकी है। पीएमओ से पहुंचे अधिकारियों के साथ बनी रणनीति के अनुसार अब पांच ओर से ड्रिलिंग कर मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा।
ऐसे चलेगा ऑपरेशन
पहला चरण- इंदौर से मंगाई गई मशीन टनल के मेन गेट से ड्रिलिंग करेगी। इसकी जिम्मेदारी नेशनल हाइवे अथाॅरिटीज के पास है। यहां से 35 मीटर खुदाई होनी है, लेकिन रास्ते में बोल्डर आ गए हैं।
दूसरा चरण- टनल के दूसरे छोर डंडालगांव की ओर से ओएनजीसी खुदाई करेगी। यहां से 441 मीटर खुदाई होनी है।
तीसरा चरण- टनल के बायीं ओर मशीन ले जाने के लिए बीआरओ सड़क बना रही है। यहां 172 मीटर हाॅरिजेंटल ड्रिलिंग होगी।
चौथा चरण- यमुनोत्री जाने वाले पुराने रास्ते पर दायीं ओर 320-350 मीटर हाॅरिजेंटल ड्रिलिंग करेगी।
पांचवा चरण- सिलक्यारा से 350 मीटर आगे सतलुज जल विद्युत निगम 92 मीटर की 2 ड्रिलिंग करेंगे। पहली ड्रिलिंग के जरिए मजदूरों को खाना दिया जाएगा। इस काम में 2 दिन लग सकते हैं। वहीं दूसरी ड्रिलिंग 1 मीटर से ज्यादा चौड़ी होगी जिससे लोगों को निकाला जाएगा।