UP News: योगी सरकार कराएगी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे, विरोध में भड़के ओवैसी ने दिया बड़ा बयान
लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुधवार को सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के स्थानांतरण की अनुमति देने वाला एक आदेश पारित किया। साथ ही प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने की बात कही है। इसके अलावा राज्य मदरसा बोर्ड की महिला कर्मचारी सदस्यों को अब मैटरनिटी और चाइल्ड केयर लीव भी मिंलेगी। राज्य मंत्री (अल्पसंख्यक कल्याण) दानिश रजा ने बताया कि मदरसों में स्टाफ सदस्यों और शिक्षकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद निर्णय लिया गया। इस पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन के प्रमुख ओवैसी भड़क गए।
महिला कर्मचारियों को मिलेंगी मैटरनिटी और चाइल्ड केयर लीव
मंत्री दानिश रजा ने एक बयान में कहा कि मदरसों के प्रबंधकों की मंजूरी और रजिस्ट्रार, यूपी मदरसा शिक्षा परिषद की मंजूरी के साथ सहायता प्राप्त मदरसों के शिक्षकों व गैर-शिक्षण कर्मचारियों को ट्रांसफर करने के लिए एक कार्यकारी आदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि अभी तक बोर्ड में इन स्टाफ के सदस्यों के ट्रांसफर की इजाजत नहीं थी। नए आदेश के अनुसार अब मृतक आश्रिक कोटे से नौकरी भी मिल सकेगी। यह जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी या मदरसे के प्राचार्य से सहमति प्राप्त करने के बाद किया जाएगा। नए नियमों के तहत मदरसों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग में लागू नियमों के मुताबिक मातृत्व अवकाश और चाइल्ड केयर लीव मिलेगी।
...ताकि सर्वे के बाद सामने आ सके सही तस्वीर
वहीं योगी सरकार ने राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने की भी घोषणा की, ताकि शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम और वहां उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं के बारे में जानकारी जुटाई जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक मदरसों में छात्रों को बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के संबंध में सरकार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की आवश्यकता के अनुसार सर्वेक्षण करेगी।
ओवैसी ने बताया छोटा एनआरसी
वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस सर्वे पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया जाहीर की है। उन्होंने इसे छोटा एनआरसी बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि वह निजी मदरसों का सर्वे करे। जो मदरसे उत्तर प्रदेश सरकार के हैं उनका पूरा रिकॉर्ड सरकार के पास है। प्राइवेट मददसे आर्टिकल 30 के तहत खोले गए हैं। उन्हें पूरा राइट है। उन्होंने इसे नफरत फैलाने और शोषण करने वाला फैसला बताया। कहा कि सरकार शक करती है। जबकि मदरसों में काम करने वाले लोगों को तनख्वा तक नहीं मिली हैं।
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