नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों पर कड़ा प्रहार किया जा रहा है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंक के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने बिट्टा कराटे की पत्नी सहित 4 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। इन सब पर आतंकवादियों से संबंध के आरोप हैं। बिट्टा कराटे हिंदूओं की हत्या का आरोपी है। उसने खुद कबूला है कि वह कश्मीरी पंडितों की हत्या में शामिल रहा है।
बिट्टा कराटे की पत्नी असबाह आरजूमंद खान बर्खास्त
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जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का आतंकी फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे की पत्नी असबाह आरजूमंद खान 2011 बैच की JKAS अधिकारी हैं। डॉ मुहीत अहमद भट, और माजिद हुसैन कादिरी ये दोनों कश्मीर विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत की गई है, जिसके तहत सरकार अपने कर्मचारियों को बिना जांच के सेवा से बर्खास्त कर सकती है।
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सैयद अब्दुल मुईद जो उद्योग और वाणिज्य विभाग में सूचना और प्रौद्योगिकी के साथ काम कर रहे थे। वे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के प्रमुख के बेटे हैं।
हिंदूओं के खून से साना है बिट्टा का हाथ
कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग में बिट्टा का बड़ा हाथ था। उसने खुद बताया था कि पहला खून उसने सतीश का किया था। उसने कैमरे पर कहा था कि अपने हाथों से 20 हिंदूओं को मारा। बता दें कि 1990 में 1 लाख से ज्यादा कश्मीरी पंडितों को उनका ही घर छोड़ कर भागने पर मजबूर किया गया था। उन्हें रातोरात बेघकर कर दिया गया था।
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