नई दिल्ली: पिछले कुछ महीनों से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर चल रहा रुपया मामूली रूप से मजबूत हुआ है। सोमवार को बाजार खुलने के बाद रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 79.11 पर कारोबार कर रहा था जो शाम को 79.02 पर पहुंच गया। पिछले तीन सप्ताह में रुपये की ये सबसे मजबूत स्थिति है। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज के मुताबिक, पिछले कारोबारी सेशन में डॉलर के मुकाबले रुपया 79.26 के स्तर पर बंद हुआ था।
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कैसे मजबूत हुई रुपये की स्थिति
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि यूएस फेड और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण डॉलर में गिरावट जारी रही जिससे रुपये की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है। तेल की कीमतों में कमजोरी ने भी भारतीय रुपये को समर्थन दिया। इस साल अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में 6.6% की गिरावट आई है, यहां तक कि कुछ एशियाई करेंसी में भी रुपये की तुलना में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारी गिरावट देखी गई है।
सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें 1,700-1,760 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर है और आने वाले हफ्तों में इसके स्थिर कारोबार की उम्मीद है।
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डॉलर के मुकाबले कमजोर होता रहा है रुपया
आंकड़ों की बात करें तो डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू लगातार काम होती गई है। जानकारी के मुताबिक, करीब 20 साल बाद डॉलर और यूरो की वैल्यू बराबर हो चुकी है, जबकि यूरो (Euro) लगातार डॉलर से ऊपर रहता आया है। वहीं, दिसंबर 2014 से अब तक इंडियन करेंसी डॉलर के मुकाबले करीब 25 फीसदी कमजोर हो चुकी है। डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू एक साल पहले 74.54 के स्तर पर थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में रुपये में गिरावट की वजह कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी को बताया था। साथ ही उन्होंने इसके कारणों में रूस-यूक्रेन के बीच महीनों से जारी जंग को भी शामिल किया था।
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