Jagannath Rath Yatra: ओडिशा के पुरी में मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू हो गई। रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ 3 किमी दूर गुंडिचा मंदिर जाएंगे। गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है। जगन्नाथ रथ यात्रा का पर्व 10 दिन तक मनाया जाता है।
उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात में 'रथ यात्रा' से पहले जगन्नाथ मंदिर में 'मंगला आरती' में हिस्सा लिया। एक दिवसीय यात्रा पर गुजरात पहुंचे अमित शाम सुबह जमालपुर स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की।
बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद में मनाए जाने वाले 'रथ यात्रा' महोत्सव को पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा माना जाता है। पीएम मोदी ने ओडिशा के पुरी में आज से शुरू हो रही रथ यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ की दिव्य यात्रा" सभी के जीवन को स्वास्थ्य, खुशी और आध्यात्मिक समृद्धि से भर दे।
उधर, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जगन्नाथ रथ यात्रा के अवसर पर पुरी में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के दर्शन किए। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवसर पर कामना करता हूं कि प्रभु विश्व में शांति रखे, सभी स्वस्थ रहें। प्रभु सभी को सुखी रखे। आज हमें स्वामी शंकराचार्य के दर्शन का भी सौभाग्य मिला।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आज पवित्र रथ यात्रा है। आज प्रभु के आदेश से हम रथ यात्रा में शामिल होने आए हैं। सौभाग्य से पूज्य शंकराचार्य के भी दर्शन हुए। मैं प्रभु से यही निवेदन करूंगा कि विश्व को और आगे बढ़ाए, भारत का नाम और गौरवान्वित करें।
दिल्ली में राष्ट्रपति मुर्मू ने हौज खास के मंदिर में की पूजा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जगन्नाथ रथ यात्रा से पहले हौज खास के जगन्नाथ मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। उधर, दिल्ली के त्यागराज नगर में स्थित जगन्नाथ मंदिर में 56वें महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा का जश्न मनाया जा रहा है।
ओडिशा अपने सबसे बड़े उत्सव के लिए पूरी तरह तैयार
जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा ओडिशा के पुरी में आयोजित होने वाला एक महत्वपूर्ण वार्षिक उत्सव है। यह एक वार्षिक रथ उत्सव है जो भगवान जगन्नाथ के एक रूप को समर्पित है। इस पवित्र त्योहार को नवदीना यात्रा, दशावतार यात्रा और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है।
पारंपरिक ओडिया कैलेंडर के अनुसार, यह शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है और हिंदुओं के बीच विशेष रूप से राज्य में भक्तों के बीच इसका विशेष महत्व है। पुरी रथ यात्रा 2023 में देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है। रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के अलावा श्रद्धालु भगवान बलराम और सुभद्रा की भी पूजा करते हैं।
क्या है रथ यात्रा का महत्व?
इससे पहले हजारों भक्तों ने सोमवार को यहां पुरी श्रीमंदिर में 'नबजौबन दर्शन' के अवसर पर भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए। रथ यात्रा के शुभ दिन पर पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा की मूर्तियों को निकाला जाता है। उन्हें उनके रथों पर बिठाया जाता है, जिन्हें फिर पूरे शहर में भक्तों द्वारा मोटी रस्सियों से खींचा जाता है। इस प्रथा को पवित्र माना जाता है और माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ भक्तों को सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देते हैं।