नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने बुधवार को वरिष्ठ अधिवक्ता को तत्काल सूची के लिए मामलों का उल्लेख करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड या उनके कनिष्ठ सहयोगी अब मामलों का उल्लेख करेंगे।
CJI ने कहा कि वह अपने सामने मामलों का उल्लेख करने वाले वरिष्ठ वकीलों की इस आदत को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने यह बात तब कहीं जब वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को उनके समक्ष एक मामले का उल्लेख करने की मांग की। इस पर सीजेआई रमना ने कहा मुझे नहीं लगता कि हमें इस वरिष्ठ व्यवसाय को इंटरटेन करना करना चाहिए। यह आप सभी पर लागू होता है, अपने एओआर से इसका उल्लेख करने के लिए कहें।
सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि जब तक एक समान नियम है, उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। सिंघवी के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपने मामलों का उल्लेख करने की कोशिश की, लेकिन सीजेआई ने उन्हें मामले का उल्लेख करने के लिए अपने कनिष्ठ अधिवक्ता या एओआर भेजने के लिए कहा।