Ankita Murder Case: उत्तराखंड (Uttarakhand) के ऋषिकेश (Rishikesh) स्थित वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद देशभर में हड़कंप मच गया है। हालांकि पुलिस ने रिसॉर्ट के मालिक और एक भाजपा नेता के बेटे पुलकित आर्य (Pulkit Arya) समेत तीन लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। इसी बीच उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष व स्पीकर (Uttarakhand Assembly Speaker and Speaker) ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) से राज्य के कुछ स्थानों पर लागू राजस्व पुलिस व्यवस्था को खत्म करने की अपील की है।
लक्ष्मण झूला पुलिस ने बरामद किया था अंकिता का शव
बता दें कि अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद पूरे उत्तराखंड समेत देशभर में गुस्सा और आक्रोश है। करीब 6 दिन पहले लापता हुई अंकिता का शव शुक्रवार को एक नहर से लक्ष्मण झूला पुलिस ने बरामद किया। इसके बाद पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य को गिरफ्तार किया। पुलकित आर्य उत्तराखंड में एक भाजपा नेता का बेटा है। पुलकित के साथ पुलिस ने रिसॉर्ट के मैनेजर सौरभ भाष्कर और एक कर्मचारी पुलकित गुप्ता को भी गिरफ्तार किया।
थाने पर पहुंची महिलाओं ने फाड़ दिए थे आरोपियों के कपड़े
अंकिता भंडारी का शव मिलने पर उसके परिवार वाले और इलाके के लोग थाने पर पहुंच गए। इस दौरान पुलिस तीनों आरोपियों को ले जाने के लिए वैन से निकल रही थी कि भीड़ ने उन्हें घेर लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक भीड़ ने तीनों की पिटाई लगाई और उनके कपड़े तक फाड़ दिए। पुलिस ने जैसे-तैसे भीड़ से तीनों को बचाकर वैन में बैठाया। इसके बाद भीड़ आरोपी के रिसॉर्ट पर पहुंच गई। वहां उन्होंने जमकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी।
राजस्व पुलिस में की थी शिकायत, सामान्य पुलिस ने किया खुलासा
आपको बता दें कि जिस क्षेत्र में यह घटना हुई थी, वह राजस्व पुलिस के अधीन है। परिवार वालों ने संबंधित राजस्व चौकी पुलिस से मामले की शिकायत की, लेकिन राजस्व पुलिस अंकिता को खोज नहीं पाई। मामला जैसे ही जिलाधिकारी के संज्ञान में आया तो उन्होंने तत्काल मामले की जांच लक्ष्मण झुला पुलिस को सौंपा। लक्ष्मण झुला पुलिस ने महज 24 घंटे में मामले का खुलासा करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। अगले दिन अंकिता का शव भी बरामद कर लिया।
राज्य में समाप्त की जाए राजस्व पुलिस व्यवस्थाः स्पीकर
इस पूरे घटनाक्रम के बीच उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष और स्पीकर रितु खंडूरी भूषण ने भी मामले में हस्तक्षेप किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के जिन क्षेत्रों में राजस्व पुलिस व्यवस्था है उसे तत्काल समाप्त किया जाए। सभी राजस्व पुलिस चौकियों और थानों को सामान्य नागरिक पुलिस चौकी और थानों में बदला जाए। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष ने सीएम से अनुराध किया है।
आखिर क्या है राजस्व पुलिस व्यवस्था
अब आपको बताते हैं कि आखिर राजस्व पुलिस व्यवस्था क्या है। उत्तराखंड के कई इलाकों में पटवारी पुलिस व्यवस्था है। इसे राजस्व पुलिस व्यवस्था भी कहा जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटिश सरकार ने वर्ष 1861 में सरकारी खर्चों में कटौती करने और राजस्व अधिकारी का उपयोग पुलिसकर्मियों की भूमिका में करने के लिए इस व्यवस्था को लागू किया था। इन्हें शुरुआत में पटवारी पुलिस के नाम से जाना जाता था। फिर इस व्यवस्था को राजस्व पुलिस का नाम दिया गया। उत्तराखंड के कई हिस्से राजस्व पुलिस क्षेत्र में आते हैं। यह पुलिस संबंधित जिलाधिकारी के अधीन होती है।