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Threema ऐप क्या है? दिल्ली कार ब्लास्ट में इस्तेमाल हुआ स्विस मैसेजिंग ऐप, जो भारत में है बैन

दिल्ली रेड फोर्ट धमाके की जांच में पता चला कि संदिग्धों ने Threema जैसे स्विस एन्क्रिप्टेड ऐप और निजी सर्वर का इस्तेमाल कर हमले की प्लानिंग की. जानते है भार में बैन हुई ऐप का कैसे हुआ इस्तेमाल.

इस ऐप पर हुई थी दिल्ली ब्लास्ट की प्लानिंग. (News24 GFX)

Threema App: 10 नवंबर 2025 की शाम पुरानी दिल्ली के रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास हुई तेज धमाके ने पूरे शहर को हिला दिया. एक खड़ी गाड़ी में हुआ यह ब्लास्ट इतना शक्तिशाली था कि आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई. इस घटना में 13 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए. शुरुआती जांच में सुरक्षा एजेंसियां घटनाक्रम को जोड़कर देख रही थीं, लेकिन तभी एक ऐसा डिजिटल सुराग मिला जिसने पूरे मामले की दिशा बदल दी- हमलावर एक बेहद कम पहचाने जाने वाले एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप से अपनी योजना बना रहे थे.

Threema ऐप क्या है?

जांच के दौरान एजेंसियों को पता चला कि हमलावर Threema नामक स्विट्जरलैंड-बेस्ड  ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे. यह ऐप प्राइवेसी को लेकर इतना सख्त है कि इसमें अकाउंट बनाने के लिए न मोबाइल नंबर चाहिए और न ही ईमेल. यूजर को एक रैंडम ID मिलती है, जिससे असली पहचान का पता लगाना लगभग असंभव हो जाता है. यही कारण है कि यह ऐप सामान्य यूजर्स के साथ-साथ निगरानी से बचना चाहने वालों के बीच भी लोकप्रिय रहा है. Threema यूजर्स से कोई निजी जानकारी नहीं मांगता, जिससे उनकी पहचान गुप्त रहती.

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अपना निजी सर्वर बनाकर प्लानिंग की आशंका

अधिकारियों ने PTI को बताया कि संदिग्धों ने शायद इससे भी एक कदम आगे बढ़कर Threema का अपना निजी सर्वर तैयार किया था. इससे वे मैप, निर्देश और जरूरी फाइलें एक अलग, बंद नेटवर्क में साझा कर सकते थे. यह तरीका उन्हें नियमित निगरानी सिस्टम से लगभग पूरी तरह अदृश्य बना देता था, जिससे उनकी गतिविधियों का पता लगाना और मुश्किल हो गया.

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कैसे इस्तेमाल किया गया था Threema?

जांचकर्ताओं का मानना है कि हमलावरों ने इस निजी सर्वर का उपयोग बैठकों की योजना बनाने, स्थान साझा करने और संवेदनशील जानकारी भेजने के लिए किया. चूंकि यह सब मुख्य सर्वर से अलग हो रहा था, इसलिए इनके डिजिटल निशान बेहद कम मिले. इससे एजेंसियों को डिजिटल फॉरेंसिक में कई दिक्कतें आ रही हैं.

बर्न-आफ्टर-रीडिंग फीचर ने और बढ़ाई मुश्किलें

Threema में एक ऐसी सुविधा भी है जिसमें संदेश पढ़ने के बाद अपने-आप डिलीट हो जाते हैं. इससे हमलावरों की चैट हिस्ट्री लगभग पूरी तरह गायब हो गई. जांच अधिकारियों का कहना है कि बातचीत के बड़े हिस्से को संदिग्धों ने खुद मिटा दिया था, जिससे बातचीत की असली टाइमलाइन जोड़ना और चुनौतीपूर्ण हो गया.

विवाद और बैन

चूंकि यह ऐप बेहद सुरक्षित और गुप्त तरीके से काम करता है, इसलिए इसका इस्तेमाल कई बार गलत गतिविधियों में भी हुआ है. यही कारण है कि कुछ जगहों पर इसे प्रतिबंधित कर दिया गया. भारत में भी इसे गलत इस्तेमाल की आशंका के चलते बैन किया गया, जिसका जिक्र हाल ही में की गई जांचों में भी सामने आया.

भारत में बैन होने के बावजूद ऐप तक पहुंच कैसे मिली?

Threema को भारत सरकार ने 2023 में IT Act की धारा 69A के तहत बैन किया था. वजह थी कि इसका इस्तेमाल देश में बाहरी नेटवर्क द्वारा ऑपरेशन चलाने के लिए किया जा रहा था. इसके बावजूद संदिग्ध VPN और विदेशी प्रॉक्सी के जरिए इस ऐप तक पहुंचते रहे. इस घटना ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि तकनीकी रूप से सक्षम लोग ऐप बैन को कितनी आसानी से दरकिनार कर सकते हैं.

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