Sanchar Saathi App: आज स्मार्टफोन सिर्फ कॉल करने का जरिया नहीं रहा, बल्कि यही हमारा बैंक, डिजिटल आईडी और पर्सनल दुनिया का ताला-चाबी बन चुका है. हमारा UPI से लेकर सोशल मीडिया तक, हर जरूरी काम इसी एक डिवाइस से जुड़ा है. ऐसे में फोन चोरी होना या किसी फर्जी कॉल का शिकार बनना किसी बुरे सपने से कम नहीं. इन्हीं बढ़ते खतरों को देखते हुए टेलीकॉम विभाग (DoT) ने ‘संचार साथी’ ऐप को हर मोबाइल यूजर की सुरक्षा ढाल बनाने का फैसला किया है. अब सरकार ने साफ कर दिया है कि भारत में बिकने वाले हर नए स्मार्टफोन में यह ऐप पहले से मौजूद रहेगा और इसे हटाया नहीं जा सकेगा. ऐसे में ये जानना सबसे ज्यादा जरूरी है कि संचार साथी ऐप क्या है और कैसे आपकी मदद करता है.
क्या है Sanchar Sathi ऐप?
- संचार साथी केंद्र सरकार की एक डिजिटल सुरक्षा पहल है, जो मोबाइल ऐप और वेबसाइट दोनों के रूप में काम करती है. इसकी शुरुआत साल 2023 में की गई थी. इसका उद्देश्य लोगों को खोए हुए मोबाइल फोन और धोखाधड़ी वाले वेब लिंक की रिपोर्ट करने और उन्हें ब्लॉक कराने की सुविधा देना है.
- यह प्लेटफॉर्म यह भी बताता है कि आपके नाम पर कितने मोबाइल कनेक्शन चल रहे हैं और अलग-अलग बैंकों व वित्तीय संस्थानों के सही और भरोसेमंद कॉन्टैक्ट्स की पहचान करने में मदद करता है.
- इस ऐप के जरिए किसी फ्रॉड या स्कैम की शिकायत करना काफी आसान है, क्योंकि इसमें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यूजर को हर बार अपना IMEI नंबर याद रखने या ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ती.
- संचार साथी ऐप आपके नाम से जारी सभी मोबाइल नंबरों की स्थिति दिखाता है, फोन असली है या नहीं यह बताता है और किसी भी संदिग्ध मैसेज, कॉल या स्पैम की रिपोर्ट करने की सुविधा भी देता है.
- इसके अलावा, अगर आपके फोन पर भारतीय नंबर से की गई कोई इंटरनेशनल कॉल आती है, तो आप उसकी शिकायत भी इस ऐप के जरिए कर सकते हैं, वो भी बिना ओटीपी डाले. इससे फर्जी और ठगी वाले कॉल की पहचान पहले ही हो जाती है.
ऐप का चक्षु फीचर क्या काम करता है
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संचार साथी ऐप में ‘चक्षु’ नाम का फीचर है, जिसके जरिए लोग धोखाधड़ी वाले कॉल, मैसेज और ऑनलाइन फ्रॉड की रिपोर्ट कर सकते हैं. सरकार के मुताबिक, इस तरह की रिपोर्टिंग से टेलीकॉम विभाग साइबर अपराध और फाइनेंशियल फ्रॉड को रोकने में ज्यादा असरदार तरीके से काम कर पाता है.
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फर्जी लिंक और मैलवेयर की शिकायत की सुविधा
चक्षु फीचर के जरिए यूजर फिशिंग लिंक, फर्जी वेबसाइट, फोन क्लोनिंग और मैलवेयर जैसी गतिविधियों की भी शिकायत कर सकते हैं. यह सुविधा SMS, RCS, iMessage और WhatsApp, Telegram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आने वाले संदिग्ध मैसेज के लिए भी उपलब्ध है.
यहां देखें कुछ जरूरी पॉइंट्स…
फर्जी सिम पर सीधी चोट
आजकल फर्जी सिम बहुत बड़ा खतरा बन चुके हैं. कोई आपकी पहचान पर सिम निकलवाकर ठगी कर सकता है. संचार साथी की मदद से अब तक 3 करोड़ से ज्यादा फर्जी सिम कनेक्शन बंद किए जा चुके हैं.
OTP और नंबर से होती है पहचान
जब आप ऐप खोलते हैं, तो यह आपका मोबाइल नंबर और OTP लेकर आपके फोन को वेरिफाई करता है. इसके बाद फोन का IMEI नंबर सीधे DoT की CEIR सिस्टम से मिलाया जाता है और तुरंत पता चल जाता है कि फोन सही है या ब्लैकलिस्ट में है.
CEIR सिस्टम से जुड़ा है ऐप
CEIR एक सेंट्रल डाटाबेस है, जिसमें देश के सभी मोबाइल फोनों का रिकॉर्ड रहता है. संचार साथी इसी सिस्टम से जुड़ा है, इसलिए फोन से जुड़ी कोई भी गड़बड़ी तुरंत पकड़ में आ जाती है.
चोरी होते ही किया जा सकता है फोन ब्लॉक
अगर आपका फोन खो जाए या चोरी हो जाए, तो सिर्फ कुछ सेकंड में इस ऐप के जरिए फोन ब्लॉक कराया जा सकता है. इससे आपके बैंक ऐप, व्हाट्सऐप, फोटो और UPI जैसी निजी जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहती है.
फर्जी कॉल और फ्रॉड की रिपोर्ट तुरंत
कोई अपने आपको बैंक, कूरियर कंपनी या सरकारी अधिकारी बताकर कॉल करे, तो आप उस नंबर की शिकायत सीधे ऐप में कर सकते हैं. ऐप आपको सरकारी और बैंक के असली नंबर भी दिखाता है, ताकि आप आसानी से नकली कॉल पहचान सकें.
सेकंड हैंड फोन खरीदने से पहले जांच की सुविधा
अगर आप पुराना फोन खरीदने जा रहे हैं, तो इस ऐप में IMEI नंबर डालकर तुरंत चेक कर सकते हैं कि फोन चोरी का है या नहीं. इससे ठगी से बचने में बड़ी मदद मिलती है.
पुराने फोनों में कैसे पहुंचेगा ऐप
जिन स्मार्टफोन्स का निर्माण पहले ही हो चुका है, उनके लिए सरकार ने निर्देश दिए हैं कि कंपनियां सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह ऐप फोन में भेजें. सरकार ने साफ चेतावनी दी है कि नियम न मानने पर कार्रवाई की जाएगी.
केंद्र सरकार ने मोबाइल कंपनियों को क्या आदेश दिया
संचार मंत्रालय के तहत आने वाले दूरसंचार विभाग ने मोबाइल कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे भारत में बनने या आयात होने वाले हर फोन में संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल करें. यह आदेश 28 नवंबर से लागू हुआ है और कंपनियों को 90 दिन के भीतर यह नियम अपनाने को कहा गया है.
केंद्र सरकार का बड़ा आदेश: हर स्मार्टफोन में जरूरी होगा ये सरकारी ऐप, यूजर नहीं कर पाएंगे डिलीट