Steps to keep your Personal Data Invisible: ज्यादातर लोग यह मान लेते हैं कि ब्राउजिंग हिस्ट्री डिलीट करने या प्राइवेट टैब इस्तेमाल करने से वे इंटरनेट पर सेफ हो जाते हैं, लेकिन सच इससे बिल्कुल अलग है. हर बार जब आप कोई ऐप खोलते हैं, वाई-फाई से जुड़ते हैं, कुछ सर्च करते हैं या सोशल मीडिया पर एक्टिव होते हैं, तक आपका पर्सनल डेटा चुपचाप इकट्ठा की जाती है. आपका फोन, ब्राउजर और इतना ही नहीं ऐप परदी गई परमिशन भी आपका एक डिजिटल पहचान पत्र बना देती हैं, जिसका गलत इस्तेमाल हो सकता है. रिसर्च बताती है कि असली प्राइवेसी किसी एक टूल से नहीं, बल्कि कई लेयर की सेफ्टी से मिलती है. अगर सच में खुद को ऑनलाइन सेफ रखना चाहते हैं तो आपको भी ये सीक्रेट टिप्स पता होना चाहिए.
1) जीरो-लॉग VPN का इस्तेमाल करें
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जीरो-लॉग VPN का इस्तेमाल करना इससे बचने का सबसे सही तरीका है. जीरो-लॉग VPN आपकी असली IP एड्रेस को छुपाता है और इंटरनेट कनेक्शन को एन्क्रिप्ट करता है, जिससे कोई यह नहीं देख सकता कि आप क्या कर रहे हैं. इससे वेबसाइट, ऐड कंपनियां और नेटवर्क प्रोवाइडर आपकी एक्टिविटी को आपकी पहचान से नहीं जोड़ पाते. हमेशा वही VPN चुनें, जो यूजर का कोई रिकॉर्ड न रखे, ताकि जरूरत पड़ने पर भी देने को कुछ न हो.
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2) अलग नेटवर्क और अलग पहचान अपनाएं
अगर आप हर काम एक ही वाई-फाई और एक ही डिवाइस से करते हैं, तो आपकी पूरी ऑनलाइन लाइफ एक सीधी लाइन में जुड़ जाती है. बेहतर यह है कि जरूरी कामों के लिए अलग नेटवर्क और डिवाइस इस्तेमाल करें. जैसे घर का इंटरनेट अलग, मोबाइल डेटा अलग और ऑफिस नेटवर्क अलग रखें. साथ ही प्राइवेट रिसर्च या फाइनेंशियल काम उसी डिवाइस से न करें, जिससे आप सोशल मीडिया चलाते हैं. इससे आपकी पहचान और आपकी एक्टिविटी के बीच सीधा लिंक बन जाता है.
3) ट्रैकर्स को ब्लॉक करें और अकाउंट लिंक होने से रोकें
आज ज्यादातर वेबसाइट और ऐप ट्रैकर इस्तेमाल करती हैं, जो कुकीज, फिंगरप्रिंट और पिक्सल के जरिए आपकी हर एक्टिविटी पर नजर रखते हैं. ऐसे में खुद को सेफ रखने के लिए ब्राउज करने के बाद कुकीज क्लियर करें और प्राइवेसी-फ्रेंडली सर्च इंजन का यूज करें. हर जगह एक ही ईमेल और यूजरनेम रखने से बचें, क्योंकि जुड़े हुए अकाउंट आपकी पहचान तुरंत खोल देते हैं.
4) मैसेज और फाइल्स को एन्क्रिप्ट रखें
एन्क्रिप्शन आपके डेटा को एक ऐसे कोड में बदल देता है, जिसे बिना चाबी के कोई नहीं पढ़ सकता. अगर कोई आपकी फाइल देख भी ले या मैसेज पकड़ भी ले, तब भी उसे कुछ समझ नहीं आएगा. जरूरी बातचीत के लिए एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप इस्तेमाल करें और अहम डॉक्यूमेंट को एन्क्रिप्टेड स्टोरेज में रखें. प्राइवेट फाइल्स के लिए ऑटो क्लाउड बैकअप बंद रखें, ताकि आपकी जानकारी आपकी मर्जी के बिना कहीं सेव न हो.
5) प्राइवेसी को आदत बनाएं
ऑनलाइन सुरक्षा कोई एक दिन का काम नहीं है, बल्कि रोज की आदतों का रिजल्ट है. ऐप परमिशन चेक करें, बेकार ऐप हटाएं, पासवर्ड बदलते रहें और कभी भी अपनी पर्सनल जानकारी जैसे ट्रैवल प्लान या परिवार की बातें सार्वजनिक न करें. पर्सनल और प्राइवेट अकाउंट अलग रखें और जितनी जरूरत हो, उतनी ही जानकारी साझा करें.
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