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QR Code असली है या फर्जी? 1 रुपये की पेमेंट से नहीं, ऐसे करें पहचान

QR Code Fake or Real: बदलते जमाने के साथ अब लेन देन करने का तरीका भी बदल चुका है। ज्यादातर लोगों का रुख डिजिटल पेमेंट की ओर हो गया है। दुकान से खरीदारी करनी हो या रिक्शे का किराया देना हो, कैश की बजाय लोगो ऑनलाइन पेमेंट को अपनाना पसंद करते हैं। ऑनलाइन के जरिए […]

QR Code Fake or Real: बदलते जमाने के साथ अब लेन देन करने का तरीका भी बदल चुका है। ज्यादातर लोगों का रुख डिजिटल पेमेंट की ओर हो गया है। दुकान से खरीदारी करनी हो या रिक्शे का किराया देना हो, कैश की बजाय लोगो ऑनलाइन पेमेंट को अपनाना पसंद करते हैं। ऑनलाइन के जरिए घर बैठे किसी को भी कहीं भी पैसे ट्रांसफर करना आसान हो गया है। अक्सर पैसा ट्रांसफर करवाने के लिए हम एक दूसरे को क्यूआर कोड (QR Code Scan) भी भेज देते हैं। जबकि, कई दुकानों या जगहों पर ऑनलाइन पेमेंट के लिए क्यूआर कोड लगा हुआ होता है जिसे स्कैन करके आसानी से पैसा भेजा सकता है। कई बार हम क्यूआर कोड की सही पहचान जांच करने के लिए पहले 1 रुपये या 10 रुपये भेज कर ट्राई करते हैं, जिसके बाद आगे की पेमेंट भेजना पसंद करते हैं। हालांकि, क्या आप ये जानते हैं कि क्यूआर कोड से भी आप ठगी (Online Paymet Scam) के शिकार हो सकते हैं? फ्रजी क्यूआर कोड आपका पूरा बैंक अकाउंट खाली कर सकता है। क्यूआर कोड से लाखों की ठगी का एक ताजा मामला नोएडा से सामने भी आया है। ये भी पढ़िए- Cyber ​​Fraud Dial Number: साइबर फ्रॉड होने पर तुरंत करें इस नंबर पर डायल, हो जाएगा पैसा रिफंड!

क्यूआर कोड से ठगे 1.5 लाख रुपये 

आपको जानकारी के लिए बता दें कि नोएडा से एक क्यूआर कोड (Noida Online Fraud) का ताजा फ्रॉड मामला सामने आया है। यहां नौकरी की तलाश में देहरादून से आए गौरव जोशी नामक शख्स से 1.5 लाख रुपये की ठगी हुई है। ऑनलाइन मिलेग विकास नाम के ब्रोकर ने नोएडा में फ्लैट (Noida Flat Scam) दिलवाने के नाम पर लाखों की ठगी की है। बताया जा रहा है कि ब्रोकर ने गौरव को फ्लैट का रेंट 16,500 रुपये प्रति माह बताया साथ ही आगे एग्रिमेंट की बात हुई। अपने भरोसे को बनाने के लिए ब्रोकर ने गौरव के बैंक में 5 रुपये भेज। साथ ही उसे एक रिफंड कूपन भी सेंड किया जिसे स्कैन करते ही गौरव के खाते से 1.5 लाख रुपये निकल गए। इसके साथ ही एक और ट्रांजेक्शन हुआ और कुल मिलाकर गौरव को 1.50 लाख रुपये की चपत लग गई। इस मामले की शिकायत नोएडा सेक्टर 133 पुलिस थाने में हुई और जांच जारी है। गैरव की तरह कोई आपसे ठगी ना कर ले इसलिए आपके लिए भी क्योआर कोड की असली और नकली पहचान करना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि कैसे QR कोड की जांच की जा सकती है? ये भी पढ़िए- Cyber Crime Complaint Process: ऑनलाइन फ्रॉड या स्कैम के शिकार होने पर तुरंत करें घर बैठे शिकायत, ये है तरीका

QR कोड के फ्रजी की पहचान करना है जरूरी

आमतौर पर सभी क्योआर कोड एक जैसे ही देखने को मिलते है। गूगलपे, फोनपे, पेटीएम समेत अन्य यूपीआई पेमेंट के क्योआर कोड आपको एक जैसे देखने को मिलेंगे। ऐसे में आपको बेहद ध्यान से सही क्योआर कोड की पहचान करनी चाहिए। 1 रुपये भेजकर चेक करने से पहले ये देखें कि उस क्यूआर कोड में उस व्यक्ति का नाम है या नहीं जिसे आप पैसे भेज रहे हैं। ऑनलाइन माध्यम जैसे-  ई-मेल, मैसेज या अन्य तरह से आए QR कोड को काफी बारिकी से चेक करें। किसी भी पेमेंट ऐप से स्कैन करने से पहले फोन के क्यूआर कोड स्कैनर से कोड की जांच कर लें। इससे जानकारी हो सकेगी कि कोड का URL आपको कहां री-डायरेक्ट कर रहा है। ऐसे में आपके लिए सही QR कोड की पहचान करना आसान होगा।


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