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Facebook और Instagram पर न्यूज कंटेंट नहीं देख पाएंगे यूजर्स, सरकार ने पास किया नया बिल

कनाडा सरकार ने सोशल मीडिया पर न्यूज कंटेंट शेयरिंग के लिए अपना नया बिल पारित कर दिया है। इस बिल को सी-18 ऑनलाइन समाचार अधिनियम नाम दिया गया है। इस संबंध में Meta (Facebook की पैरेंट कंपनी) ने पुष्टि करते हुए कहा है कि वह देश में सभी यूजर्स के लिए अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम […]

कनाडा सरकार ने सोशल मीडिया पर न्यूज कंटेंट शेयरिंग के लिए अपना नया बिल पारित कर दिया है। इस बिल को सी-18 ऑनलाइन समाचार अधिनियम नाम दिया गया है। इस संबंध में Meta (Facebook की पैरेंट कंपनी) ने पुष्टि करते हुए कहा है कि वह देश में सभी यूजर्स के लिए अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम प्लेटफॉर्म्स पर न्यूज कंटेंट बंद कर देगी। मेटा ने जानकारी देते हुए कहा कि ऑनलाइन समाचार अधिनियम (बिल सी-18) प्रभावी होने से पहले कनाडा में सभी यूजर्स के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम पर समाचार उपलब्धता समाप्त हो जाएगी। इसमें कहा गया है, हमने बार-बार साझा किया है कि संसद में पारित बिल सी-18 का अनुपालन करने के लिए, न्यूज पब्लिशर और ब्रॉडकास्टर सहित समाचार आउटलेट्स के कंटेंट अब कनाडा में हमारे प्लेटफार्मो तक पहुंचने वाले लोगों के लिए उपलब्ध नहीं होगी। यह भी पढ़ें: Google का नया फीचर, AI की मदद से इमेज को टेक्स्ट में बदल सकेंगे स्क्रीन रीडर पारित विधेयक के लिए मेटा और गूगल जैसी टेक कंपनियों को न्यूज पब्लिशर के साथ बातचीत करने और उनके कंटेंट के लिए भुगतान करने की आवश्यकता होगी। इस महीने की शुरूआत में, मेटा ने कहा था कि अगर बिल सी-18 कानून में पारित हो जाता है, तो वह ऐप्स से न्यूज कंटेंट हटा देगा। कंपनी ने यह भी घोषणा की, कि वे सी-18 के चलते समाचार उपलब्धता को समाप्त करने के लिए एक प्रभावी उत्पाद समाधान बनाने में मदद करने के लिए उत्पाद परीक्षण कर रहे हैं। हालांकि, कंपनी ने कहा कि न्यूज कंटेंट को प्रभावित करने वाले परिवर्तन कनाडा में मेटा व Facebook के उत्पादों और सेवाओं को प्रभावित नहीं करेंगे।

न्यूज कंटेंट को लेकर कई देशों में चल रही है गहन चर्चा

उल्लेखनीय है कि इस समय पूरे विश्व में बड़ी टेक कंपनियों यथा गूगल, फेसबुक द्वारा अपने प्लेटफॉर्म्स पर दिए जा रहे न्यूज कंटेंट को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। न्यूज पब्लिशर्स जहां एक ओर अपने कंटेंट के लिए पैसा चाहते हैं वही दिग्गज टेक कंपनियां इसके लिए तैयार नहीं है। इस संबंध में अलग-अलग देशों की सरकारें समय-समय पर कानून भी ला रही हैं।


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