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बिना महंगे चिप्स के चलेगा AI, ये भारतीय स्टार्टअप लेकर आया कमाल की टेक्नोलॉजी

अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चलाने के लिए महंगे GPU चिप्स की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस भारतीय स्टार्टअप ने IIT मद्रास के साथ मिलकर एक ऐसी टेक्नोलॉजी बनाई है, जिससे अब साधारण कंप्यूटर पर भी बड़े AI मॉडल चलाए जा सकते हैं। आइए जानते हैं इस क्रांतिकारी खोज की पूरी कहानी।

Kompact AI
आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में काम करने के लिए महंगे कंप्यूटर और खास GPU चिप्स की जरूरत होती है, जो हर किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन अब एक भारतीय स्टार्टअप ने इस सोच को बदलने की शुरुआत कर दी है। इस स्टार्टअप ने IIT मद्रास के साथ मिलकर एक ऐसी टेक्नोलॉजी बनाई है जिससे AI मॉडल अब आम कंप्यूटर और लैपटॉप पर भी चलाए जा सकते हैं। जानें इस टेक्नोलॉजी का क्या नाम है और क्या यह तकनीक आने वाले समय में भारत को AI की दौड़ में आगे ले जाने का दम रखती है।

बड़ी AI टेक्नोलॉजी अब आम कंप्यूटरों पर भी

भारतीय स्टार्टअप Ziroh Labs ने IIT मद्रास के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर एक ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की है, जिससे बड़े आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल्स को आम कंप्यूटरों पर भी चलाया जा सकता है। इस टेक्नोलॉजी का नाम Kompact AI है। Ziroh Labs का दावा है कि यह टेक्नोलॉजी उन महंगे GPU चिप्स की जरूरत को खत्म कर देती है, जिनकी मदद से आमतौर पर AI मॉडल्स को चलाया जाता है। अब यह काम सामान्य CPU चिप्स से भी संभव हो पाएगा, जो ज्यादातर लैपटॉप और डेस्कटॉप में पाए जाते हैं।

साधारण लैपटॉप पर हुआ सफल डेमो

Ziroh Labs ने एक डेमो कार्यक्रम में दिखाया कि उनका सिस्टम एक सामान्य Intel Xeon प्रोसेसर वाले लैपटॉप पर भी काम कर सकता है। इस दौरान उन्होंने दिखाया कि उनके सिस्टम से मेटा का Llama 2 और अलीबाबा का Qwen 2.5 जैसे एडवांस AI मॉडल भी चलाए जा सकते हैं। कंपनी का कहना है कि इस टेक्नोलॉजी से AI मॉडल को ट्रेन करने के बाद उसे इस्तेमाल (inference) करने की प्रक्रिया बहुत आसान और सस्ती हो जाएगी। अमेरिका की दो बड़ी चिप कंपनियों Intel और AMD ने भी इस टेक्नोलॉजी का परीक्षण किया है।

अब GPU की जरूरत नहीं

AI मॉडल को CPU से चलाने की यह पहल इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि GPU चिप्स बहुत महंगे और सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं। इससे भारत समेत कई देशों के स्टार्टअप्स और रिसर्चर्स के लिए AI पर काम करना मुश्किल हो जाता है। अब Ziroh Labs की टेक्नोलॉजी से यह काम सस्ते और आसानी से उपलब्ध CPU चिप्स से भी हो सकेगा। इससे छोटे शहरों, कॉलेजों और रिसर्च संस्थानों को भी AI टेक्नोलॉजी तक पहुंच मिलेगी, जो अब तक केवल बड़ी कंपनियों तक सीमित थी।

सस्ती AI टेक्नोलॉजी की ओर बड़ा कदम

IIT मद्रास के निदेशक वी. कामकोटी ने इस टेक्नोलॉजी को गेमचेंजर बताया। उन्होंने कहा “AI की दुनिया में अभी तक वही लोग आगे बढ़ पाए हैं, जिनके पास महंगे GPU संसाधन हैं। लेकिन हम यह दिखा रहे हैं कि मच्छर मारने के लिए बंदूक की जरूरत नहीं होती।” इस कार्यक्रम में सुन माइक्रोसिस्टम्स के पूर्व अधिकारी और टेक्नोलॉजी सलाहकार विलियम राडुचेल ने भी वर्चुअली हिस्सा लिया और कहा कि यह टेक्नोलॉजी आने वाले वर्षों में AI बाजार की दिशा बदल सकती है।


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