आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने दुनिया में तहलका मचा दिया है। जबकि AI लाइफ को आसान बनाने का वादा करता है। वहीं, पिछले छह महीनों में हमने AI की ऐसी पावर को देखा है जो गलत सूचना, डीपफेक और नौकरियों को नुकसान पहुंचा रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं ChatGPT से भी पावरफुल FraudGPT है जिसके बारे में एक पॉडकास्ट में बताया गया है कि ये कितना ज्यादा खतरनाक हो सकता है और साइबर अपराध में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। आसान शब्दों में कहें तो ये एक जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट है जिसका इस्तेमाल Malicious Code, स्कैम लेटर लिखने के लिए किया जा सकता है। ये AI चैटबॉट 5 खतरनाक काम कर सकता है। चलिए इसके बारे में जानें...
साइबर अपराध
दरअसल, FraudGPT फिशिंग, ऑनलाइन फ्रॉड, नकली पहचान निर्माण और डीपफेक स्कैम को आसान बना रहा है। इसके जरिए फिशिंग ईमेल तैयार किए जा सकते हैं। ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड में FraudGPT का इस्तेमाल किया जा सकता है। फर्जी वेबसाइट और फर्जी इनवॉइस भी ये चैटबॉट तैयार कर सकता है। इसके अलावा ऑनलाइन पहचान चुराने और नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाने का प्रोसेस भी यहां से साइबर अपराधी सिख रहे हैं।
चुनावी हेरफेर
AI का इस्तेमाल सिर्फ पर्सनल फ्रॉड तक सीमित नहीं है। यह फर्जी न्यूज, प्रोपेगैंडा और चुनावी हेरफेर में भी बड़ी भूमिका निभा सकता है। इसके जरिए फेक न्यूज आर्टिकल तैयार किये जा सकते हैं और सोशल मीडिया ट्रोल आर्मी के लिए ऑटोमैटिक कंटेंट जनरेट किया जा सकता है। यही नहीं वोटर्स को गुमराह करने के लिए नकली बयान और स्पीच भी AI से बनाई जा सकती है। AI के जरिए ऑटोमेटेड कॉल्स और फर्जी सर्वे बनाए जा सकते हैं।
अगर AI साइबर क्राइम कर सकता है, तो क्या AI इसे रोक भी सकता है? साइबर सिक्योरिटी कंपनियां AI का इस्तेमाल करके FraudGPT जैसी तकनीकों को मात दे रही हैं लेकिन ये चैटबॉट भी टाइम के साथ एडवांस हो रहे हैं। AI के जरिए AI-Generated फर्जी ईमेल और वेबसाइट्स की पहचान की जा रही है।
साइबर क्राइम थ्रिलर
साइबर क्रिमिनल FraudGPT का इस्तेमाल करके एक परफेक्ट मर्डर प्लान करता है जहां हर चीज AI से डिजाइन की गई होती है। AI से फर्जी पहचान बनाना और खुद को छुपाना और डार्क वेब से हथियार और टूल्स खरीदने की AI स्ट्रेटेजी यहां मिल सकती है। FraudGPT से ही CCTV और डिजिटल ट्रेस मिटाने की प्लानिंग भी की जा सकती है।