Cyber Attacked on American Telecom Company: अमेरिका ने यूएस की बड़ी टेलीकॉम कंपनियों का डेटा को लेकर दावा किया है कि ये डेटा चीन के हैकर्स के निशाने पर है। इसमें कोर्ट के द्वारा अधिकृत वायरटैपिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला डेटा भी शामिल हो सकता है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक चाइनीज हैकर्स के पास अमेरिकी कंपनियों के डेटा का नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर भी निशाने पर हो सकता है।
इस साइबर हमले में ये टेलिकॉम कंपनियां हुईं प्रभावित
जिन कंपनियों के संवेदनशील डेटा की जानकारी हैकर के पास होने की संभावना है, उन कंपनियों में वेरिजॉन कम्युनिकेशन, एटीएंडटी और ल्यूमेन टेक्नोलॉजी शामिल हैं। ये हैकर्स एक चाइनीज इंटेलिजेंस खुफिया ऑपरेशन ‘साल्ट टाइफून’ का एक हिस्सा हो सकते हैं। हैकर्स ने बहुत बड़ी संख्या में इन कंपनियों के उपभोक्ताओं से एक बड़ा ट्रैफिक बनाया है। इसके अलावा हैकरों ने इन कंपनियों के डेटा को अपने लक्ष्य पर लिया है।
साइबर सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्टर सिक्योरिटी एजेंसी के पूर्व कार्यकारी निदेशक और वर्तमान समय में सेंटिनलवन के उपाध्यक्ष ब्रैंडन वेल्स ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का जिक्र करते हुए कहा है कि चाइनीज हैकर्स के निशाने पर कंपनियों के डेटा को लेकर कहा है कि भविष्य में इसके काफी गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं।
चाइनीज हैकर्श की इस गतिविधि को पहले यूएस सरकार गंभीरता से नहीं ले रही थी, लेकिन अब सरकार पर काफी गंभीर दिखाई देगी। अमेरिका के बाहर भी हैकर्स पर कई कंपनी को अपने निशाने पर लेने का आरोप है।
चीन ने इन आरोपों को लेकर क्या कहा?
इस मुद्दे पर चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा है कि चीन ने यूएसए पर बेवजह के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही चीन को अमेरिका के द्वारा बेवजह एक कहानी गढ़ने का दोषी ठहराने का भी आरोप लगाया है।
चीन ने कहा है कि साइबर सुरक्षा दुनिया के लिए एक चुनौती बन गई है। इस कारण अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रयास बाधित हो जाएंगे। चीन के मुताबिक यह घटनाएं ‘फ्लैक्स टाइफून’ और ‘वॉल्ट टाइफून’ को बाधित करने के हाल ही के अमेरिकी प्रयासों के बाद की गई हैं।