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Explainer: न्यूयॉर्क के आइकॉनिक होटल को क्यों ढहाना चाहता है पाकिस्तान… जानिए सबकुछ

Pakistan wants to demolish Roosevelt Hotel in New York: न्यूयॉर्क में स्थित रूजवेल्ट होटल को पाकिस्तान ढहाने की योजना बना रहा है। पढ़िए अमेरिका में मौजूद इस होटल का मालिकाना हक पाकिस्तान के पास कैसे आया, क्या है इस प्रतिष्ठित होटल का इतिहास और इसे लेकर अब पाकिस्तान की तैयारी क्या है...

Representative Image (Credit: Pixabay)
Pakistan wants to demolish Roosevelt Hotel in New York : अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित ऐतिहासिक रूजवेल्ट होटल को संभवत: जल्द ही ढहाया जा सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस प्रतिष्ठित होटल का मालिकाना हर पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के पास है। मई से न्यूयॉर्क सिटी एडमिनिस्ट्रेशन इसका इस्तेमाल वेलकम सेंटर और प्रवासियों के लिए शेल्टर की तरह कर रहा है। पाकिस्तान के अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीआईए इस प्रतिष्ठित होटल को ढहाकर एक नया होटल बनाना चाहता है। यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है और वित्तीय समस्याएं एयरलाइन को भी परेशान कर रही हैं। इस रिपोर्ट में जानिए कि कैसे पाकिस्तान न्यूयॉर्क में स्थित इस होटल का मालिक बना और इस प्रसिद्ध बिल्डिंग के लिए अब उसकी योजना क्या है।

क्या है रूजवेल्ट होटल का इतिहास?

इस होटल का निर्माण साल 1924 में हुआ था और अमेरिका के 26वें राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट के नाम पर इसका नामकरण किया गया था। एक समय में यह होटल न्यूयॉर्क के सामाजिक जीवन की तस्वीर पेश करने वाला खास फीचर हुआ करता था। बड़े-बड़े राजनेताओं से लेकर सेलेब्रिटी और दिग्गज आर्टिस्ट तक यहां रुका करते थे। यह भी पढ़ें: चीन की भूटान में घुसपैठ की कोशिश दिग्गज संगीतकार गाय लोम्बार्डो और उनके बैंड ने अपना पहला गाना रूजवेल्ट ग्रिल पर अक्टूबर 1929 में परफॉर्म किया था। इसके बाद वह अगले 30 साल तक यहां परफॉर्म करते रहे थे। रिपब्लिकन पार्टी ने 1980 के दशक तक इसका इस्तेमाल अपने कैंपेन ऑफिस की तरह किया था। यह होटल कई फिल्मों और टीवी शोज में भी दिखा है।

पीआईए के पास कैसे आया होटल?

पीआईए की इसमें एंट्री साल 1978 में हुई जब अमेरिकी रियल स्टेट मुगल पॉल मिल्सटाइन ने इस होटल को खरीदा था। उन्होंने इसे पीआईए की निवेश शाखा पीआईए इन्वेस्टमेंट लिमिटेड को लीज पर दे दिया था। पीआईए ने करीब 35 मिलियन डॉलर का यह सौदा करने के लिए सउदी के प्रिंस फैसल बिन खालिद बिन अब्दुल अजीज अल साउद के साथ हाथ मिलाया था। यह भी पढ़ें: भारत का पहला पोर्टेबल अस्पताल 20 साल बाद लीज खत्म होने पर उनके पास 36.5 मिलियन डॉलर में होटल को खरीदने का विकल्प था। पीआईए के नियंत्रण में यह होटल लीज के शुरुआती 10 साल तक नुकसान उठाता रहा था। हालांकि, रिनोवेशन के बाद आखिरकार होटल ने कमाई करना शुरू किया जिसे देख 1998 में एयरलाइन ने इसे खरीदने का फैसला किया था। साल 2005 में पीआईए ने अल सउद की हिस्सेदारी भी खरीद ली थी और तब से इसका पूरा मालिकाना हक एयरलाइन के पास है।

क्यों बन रही है इसे ढहाने की योजना?

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की एविएशन डिविजन के एक प्रतिनिधि ने बीती छह दिसंबर को सीनेट की स्टैंडिंग कमेटी को इसे ढहाने को लेकर पीआई के इरादे के बारे में बताया था। जून में पीआई ने यह होटल न्यूयॉर्क सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को तीन साल के लिए लीज पर दिया था। यह सौदा 220 मिलियन डॉलर में हुआ था। जियो न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार इस सौदे को लेकर उस समय पाकिस्तान के रेल व एविएशन मंत्री रहे ख्वाजा साद रफीक ने कहा था कि न्यूयॉर्क सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के साथ 1250 कमरों के लिए कॉन्ट्रैक्ट हुआ था। उन्होंने कहा था कि तीन साल की लीज की अवधि पूरी होने के बाद यह होटल फिर पाकिस्तान सरकार के पास आ जाएगा। यह भी पढ़ें: 370 हटने के बाद कितना बदला कश्मीर यह देश के आर्थिक संकट को कम करने के लिए पाकिस्तान सरकार की योजना का एक बड़ा हिस्सा था। लेकिन कोविड-19 के दौरान इसे बड़े संकट का सामना करना पड़ा जब 2020 में इसे बंद कर दिया गया था। इस साल यह होटल फिर से खुला और मई से यह प्रवासियों के लिए शेल्टर बना हुआ है। इस बीच पाकिस्तान में पीआईए के निजीकरण पर चर्चा भी चल रही है। एविएशन डिविजन ने कमेटी को बताया है कि पीआईए के निजीकरण पर काम कर रहे वित्तीय सलाहकार रूजवेल्ट होटल के बारे में सिफारिश देंगे। जानकारी के अनुसार पीआईए अब इस होटल को ढहाकर नया होटल बनाना चाहती है ताकि वह अपने वित्तीय संकट को संभाल सके।


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