Pakistan is forcing Afghan migrants to leave Country : पाकिस्तान में अवैध तरीके से रह रहे अफगान प्रवासियों की डेडलाइन तीन दिन पहले खत्म हो चुकी है। 1 नवंबर के बाद से पाकिस्तान, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों को देश छोड़ने पर मजबूर कर रहा है। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने सभी विदेशियों के लिए यह आदेश जारी किया है, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा कीमत अफगानों को चुकानी पड़ रही है, बता दें कि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में प्रवासी रहते हैं।
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पाकिस्तान में 20 लाख अवैध प्रवासी
सरकार ने अवैध प्रवासियों को छोड़ने के लिए 31 अक्टूबर की समय सीमा दी थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तारी और निष्कासन का सामना करना पड़ेगा। समय सीमा से कुछ घंटे पहले, इसने बिना दस्तावेज वाले लोगों की धरपकड़ शुरू कर दी। कुछ लोगों को घर छोड़ने के लिए उनके घर तोड़ दिए गए। पाकिस्तान में 40 लाख अफगान प्रवासी रहते हैं, सरकार का अनुमान है कि इनमें करीब 20 लाख अवैध तरीके से रह रहे हैं।
अफगान प्रवासियों को क्यों छोड़ना पड़ रहा पाकिस्तान ?
पाकिस्तान में कई दशकों से अफगानी प्रवासी रहते आए हैं, इसलिए सरकार का यह आदेश उन लोगों के लिए कष्टकारी है जिनकी वहां से यादे जुड़ी हुई हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने भी पाकिस्तान की निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि अफगान प्रवासियों को वापस लौटने के लिए मजबूर किया जा रहा है, उन्हें अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि अफगानिस्तान ध्वस्त अर्थव्यवस्था, विनाशकारी भूकंप, खाद्य असुरक्षा और तालिबान शासन के तहत मानवाधिकारों के उल्लंघन के बोझ से जूझ रहा है।
गंभीर संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था
1970 के दशक में सोवियत युद्ध के दौरान बहुत से प्रवासी अफगानिस्तान से भाग गए थे, वहीं कई लोग पाकिस्तान में पैदा हुए। दस्तावेज बनाने की प्रिक्रिया लम्बी होने के कारण प्रवासियों ने अपने डॉक्यूमेंट नहीं बनवाए थे। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है, और उसका कहना है कि टैक्स चुकाने वाले बिना दस्तावेज वाले प्रवासी उसके दुर्लभ संसाधनों को बर्बाद कर रहे हैं। वहीं पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता है और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा किए गए आतंकवादी हमले ट्रिगर हैं।
पाकिस्तान ने लगाए आरोप
पाकिस्तान सरकार ने अफगान प्रवासियों पर आतंकवादी हमलों और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे संगठित अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया है। वहीं पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि अफगान नागरिक सरकार और सेना के खिलाफ हमलों में शामिल पाए गए थे, जिनमें इस साल के 24 आत्मघाती बम विस्फोटों में से 14 शामिल हैं।