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Festive Season में भारतीयों के शौक हुए महंगे, Amazon से लेकर किराने वालों के चेहरे पर दिखी चमक

Festive Season में भारत के अंदर कमाल का बदलाव देखने को मिला है। पिछले सीजन के मुकाबले इस बार लोगों के शौक महंगे हो रहे हैं।

Photo Credit: Google
Indian Festive Season Demand: भारत में फेस्टिव सीजन चल रहा है। अगर कारोबारियों की भाषा में बात करें तो सीजन उड़ रहा है। वो इसलिए क्योंकि कमाल की कमाई हर सेक्टर में देखी जा रही है। हालांकि हमेशा के जैसे ऑनलाइन का मार्केट इस समय ऑफलाइन से आगे चल रहा है। मिंट की रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में सितंबर महीने से अक्टूबर महीने में ऑनलाइन बाजार करीब 25 फीसदी ऑफलाइन से आगे रहा है।

महंगे प्रोडक्ट्स के लिए जा रहे हैं ग्राहक

ये तो एक अलग खबर रही। लेकिन बड़ी बात ये है कि साल 2023 में शॉपिंग करने को तरीकों को अगर देखें तो आप हैरान रह जाएंगे। पिछले सीजन मिडिल क्लास कम खरीदारी में रुचि दिखा रहा था और जितनी कर भी रहा था तो वो लोअर सेगमेंट में हो रही थी। यानी सस्ते माल साल 2022 में ज्यादा खरीदे गए।

ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन में दिखी ग्रोथ

आंकड़ों की बात करें तो प्रीमियम क्लास वाले प्रोडक्ट के लिए साल 2022 में डिमांड 22 फीसदी रही थी, लेकिन इस बार सभी सेलों में तगड़ा उछाल देखने को मिला है। 39 फीसदी ग्रोथ के साथ महंगे प्रोडक्ट्स बिके हैं। ये आंकड़े ऑफलाइन और ऑनलाइन सेल से लिए गए हैं। इसके अलावा अमेजन, फ्लिपकार्ट के साथ JIO के पोर्टल पर भी इस रिजल्ट का असर देखने को मिल रहा है। हुआ ये है कि महंगी चीजें ज्यादातर आउट ऑफ स्टॉक ही नजर आईं हैं।

लोकल मार्केट में भी दिखी है ग्रोथ

लोकल मार्केट की बात करें तो सस्ते प्रोडक्ट्स जस के तस रखें हुए हैं। इससे पता चलता है कि इस सीजन महंगे प्रोडक्ट्स में लोगों ने खर्च करने में अपनी रुचि दिखाई है। जहां कोरोना से मांग में कमी थी, वो इस सीजन तो कुछ हद तक कम हुई है। ये संकेत भारत की इकॉनमी के लिए शानदार हैं। RBI पहले ही बता चुका है कि आने वाले GDP के आंकड़े इतने शानदार होंगे कि सभी चौंक जाएंगे। RBI के साथ-साथ IMF और मूडीज ने भी भारत की इकॉनमी को अपग्रेड किया है।

पर...ध्यान में रखनी होगी एक बात

संकेत अच्छे हैं, उम्मीद है कि रिजल्ट भी शानदार रहेंगे। लेकिन एक बात तो साफ नजर आ रही है कि खपत इस सीजन में बढ़ी है। जो किसी भी देश की इकॉनमी के लिए बूस्टर का काम करती है। लेकिन हमें यहां एक बात ध्यान में रखनी होगी कि साल 2020 यानी कोविड से पहले हम 7 फीसदी GDP ग्रोथ के साथ आगे जा रहे थे। इसलिए उस मुकाम पर वापस जाने से पहले हमें थकना नहीं है।


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