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Explainer: लक्षद्वीप जाने के लिए भारतीयों के लिए भी परमिशन क्यों जरूरी? जानें कैसे करें अप्लाई

India Maldives controversy PM Modi Lakshadweep: क्या आप जानते हैं कि भारतीयों को भी लक्षद्वीप जाने के लिए सरकार से परमिशन लेनी पड़ती है। आवेदन करना पड़ता है, जानिए कैसे और क्यों?

To visit Lakshadweep Permission Must from Government: पीएम नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद लक्षद्वीप को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। लक्षद्वीप वास्तव में है भी इतना खूबसूरत कि हर कोई वहां जाना चाहेगा। जब भारत के पास प्राकृतिक सुंदरता से भरा अपना द्वीप है तो हमें दूसरे देशों में छुट्टियां मनाने जाने की जरूरत भी नहीं है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पर्यटन के लिहाज से लक्षद्वीप कैसा है? क्या आपको पता है कि वहां जाने के लिए भारतीयों को भी सरकार से परमिशन लेनी होती है? वहां कैसे पहुंचा जा सकता है और लक्षद्वीप में घूमने के लिए कौन-कौन सी जगहें ज्यादा बेहतर हैं? बता दें कि लक्षद्वीप में बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजातियां रहती हैं। इस द्वीप पर लगभग 95 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजातियों की है। उनकी सुरक्षा के लिए ही अधिकारियों ने लक्षद्वीप पहुंचने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, यानी यह नियम बनाने का मकसद वहां रह रहीं अनुसूचित जनजातियों की रक्षा करना है। भारतीय हों और विदेशी, टूरिस्टों को लक्षद्वीप जाने के लिए भारत सरकार से परमिशन लेने की जरूरत पड़ती है। ये भी पढ़ें-कौन है मालदीव के सांसद जाहिद रमीज? जिसने PM मोदी पर की थी टिप्पणी, अब लिया यूटर्न कैसे करें अप्लाई? बिना परमिट के आप लक्षद्वीप की यात्रा नहीं कर सकते। लक्षद्वीप जाने के लिए आपको पहले परमिट के लिए अप्लाई करना होगा, जिसके बाद परमिशन मिलेगी। परमिट के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन फॉर्म 50 रुपये का है। वहां यात्रा पर जाने के लिए आप E-Permit की आधिकारिक वेबसाइट epermit.utl.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। लक्षद्वीप कई द्वीपों का समूह है। यह द्वीपसमूह केरल के तट से दूर लक्षद्वीप सागर में है। भारत के इस केंद्रशासित प्रदेश में कुल 36 द्वीप हैं। लक्षद्वीप की राजधानी कावारत्ती है, जो इसका प्रमुख शहर है। लक्षद्वीप जाने का सबसे अच्छा समय मार्च और अक्टूबर महीने के बीच का होता है। पहले पहुंचना होता है केरल आप भारत के किसी भी कोने से सीधे लक्षद्वीप की यात्रा नहीं कर सकते, यानी हर जगह से वहां के लिए फ्लाइट्स नहीं जाती हैं। लक्षद्वीप जाने के लिए पहले केरल के कोच्चि पहुंचना पड़ता है। वहीं से आप लक्षद्वीप की यात्रा कर सकते हैं। कोच्चि से हवाई मार्ग या जलमार्ग से लक्षद्वीप पहुंचा जा सकता है। पहुंचने में कितना समय लगता? भारतीय एयरलाइन की सिर्फ एक ही फ्लाइट कोच्चि से लक्षद्वीप जाती है। यह भी एक वजह है कि ज्यादा लोग लक्षद्वीप नहीं पहुंच पाते हैं। हवाई मार्ग से कोच्चि से लक्षद्वीप जाने में सिर्फ एक घंटा 30 मिनट लगते हैं, जबकि जलमार्ग से कोच्चि से लक्षद्वीप जाने में 14-18 घंटे तक लग जाते हैं। वहां रहते हैं 62 हजार लोग बता दें कि लक्षद्वीप में रहने वाले 95 प्रतिशत लोग मुस्लिम धर्म को मानते हैं। 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस द्वीप की कुल जनसंख्या 62 हजार है, यानी क्षेत्रफल और आबादी के मामले में लक्षद्वीप मालदीव से काफी छोटा है। ये भी पढ़ें-Explainer: भारत-मालदीव विवाद के बीच क्यों कूदा इजराइल, मालदीव के आईना दिखाने के पीछे की वजह?


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