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Explainer: क्या सोशल मीडिया से डर गया ड्रैगन? Taiwan Election ट्रेंड हुआ तो लेना पड़ा बड़ा फैसला

Why China Blocked Taiwan Election Hashtag In Hindi: ताइवान पर चीन अपना दावा करता आया है और यहां चुनाव के दौरान जब ताइवान इलेक्शन ट्रेंड करने लगा तो हैशटैग को ही ब्लॉक कर दिया गया।

China Blocked Taiwan Election Hashtag on Weibo
Why China Blocked Taiwan Election Hashtag In Hindi : ताइवान में राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव का मतदान पूरा हो चुका है। इस चुनाव को लेकर चीन में एक अनोखी बात देखी गई। दरअसल चुनाव के दौरान चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर ताइवान इलेक्शन हैशटैग टॉप पर ट्रेंड करने लगा था। ऐसा होने पर चीन ने इस हैशटैग को ही ब्लॉक करवा दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार सुबह 9.45 बजे (स्थानीय समयानुसार) जब इस हैशटैग को सर्च किया गया तो वीबो की वेबसाइट पर लिखा मिला कि संबंधित कानूनों, नियामकों और नीतियों के अनुसार इस टॉपिक पर कोई कंटेंट नहीं दिखाया जाएगा। चीन के इस कदम को देखते हुए माना जा रहा है कि सोशल मीडिया की ताकत का अंदाजा उसे भी है। बता दें कि चीन ताइवान पर अपना दावा करता है।

16.32 करोड़ पोस्ट थे इस हैशटैग के साथ

ताइवान में हो रहे चुनाव पर चीन के नेताओं की करीबी नजर बनी हुई है। शनिवार की सुबह ताइवान में मतदान की शुरुआत होते ही वीबो पर ताइवान इलेक्शन हैशटैग ट्रेंड होने लगा था। एक समय पर इस हैशटैग के साथ 16.32 करोड़ पोस्ट थे। लेकिन थोड़ी देर बाद इस हैशटैग को ही ब्लॉक कर दिया गया। क्या चीनी सरकार नहीं चाहती कि देश के नागरिक ताइवान चुनाव पर बात भी करें? फ्रीडम ऑफ स्पीच को लेकर चीन कितना सख्त है यह सब जानते हैं। चीन में ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं हैं। यहां जो सोशल मीडिया हैं भी वह सरकार के नियंत्रण में हैं। समाचार चैनल और अखबार भी सरकार के इशारों पर चलते हैं।

ताइवानी मतदाताओं को भी दी थी चेतावनी

ताइवान के चुनाव में दखल की बात करें तो चीन वहां के मतदाताओं को भी चेतावनी दे चुका है कि वह सही विकल्प चुनें। भले ही ताइवान खुद को अलग देश मानता हो लेकिन चीन उसे अपना हिस्सा मानता है। चीन का कहना है कि ताइवान अभी एक अलग राज्य है लेकिन समय के साथ वह देश का हिस्सा बन जाएगा। अपने इस दावे को लेकर चीन तरह-तरह के कई पैंतरे भी आजमाता आया है। चीन की सेना ने पिछले साल रिकॉर्ड संख्या में ताइवान में घुसपैठ की है। बीते कुछ वर्षों में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग-वेन के दौरान दोनों देशों के संबंध खराब हुए हैं। साई इंग-वेन ताइवान की राष्ट्रीयता बचाने के पक्ष में थे तो इसके जवाब में चीन ने ताइवान के साथ फॉर्मल कम्युनिकेशन ही रद्द कर दिया था। ताइवान चुनाव में भी चीन का दखल रहा है। ये भी पढ़ें: अमेरिका तक मची राम मंदिर की धूम ये भी पढ़ें: गुरुपतवंत पन्नू केस में फंसा अमेरिका


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