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WAVES Summit 2025: Ekta Kapoor ने ग्लोबल स्टोरीटेलिंग पर दी अपनी राय, जानें क्या कहा!

मुंबई के जियो इंटरनेशनल सेंटर में Waves 2025 का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान प्रोड्यूसर एकता कपूर ने भी बयान दिया। एकता ने क्या कुछ कहा, चलिए आपको बताते हैं।

Ekta Kapoor on WAVES Summit 2025
हाल ही में WAVES समिट 2025 में नजर आईं एमी अवॉर्ड विनर और भारत की जानी-मानी प्रोड्यूसर एकता आर कपूर ने ग्लोबल स्टोरीटेलिंग को लेकर कुछ बेहद दिलचस्प बातें शेयर कीं। उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय ड्रामा और सीरियल फॉर्मेट अब सिर्फ देश तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी अपनी मजबूत पकड़ बनाते जा रहे हैं। एकता ने क्या कुछ कहा, चलिए आपको बताते हैं।

एकता कपूर ने क्या कुछ कहा? 

जब एकता कपूर से पूछा गया कि टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट का इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा करने के बाद वो ग्लोबल स्टोरीटेलिंग को कैसे देखती हैं, तो उन्होंने हमेशा की तरह बेबाक अंदाज में जवाब देते हुए कहा, 'कहानी कहने का तरीका बस ऐसा होना चाहिए जो सीधे दिल से जुड़े।'

वेव्स समिट में बोलीं एकता कपूर 

एकता कपूर ने जोर देते हुए कहा कि आज की ऑडियंस दुनियाभर की कहानियों को अपना रही है, चाहे वो कोरियन हों, तुर्की, अमेरिकी, स्पैनिश या यूरोपियन। उन्होंने कहा, 'ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स और नेटवर्क्स ने ये साबित कर दिया है कि अब भाषा कोई रुकावट नहीं रही। लोग कहानियों को डबिंग की वजह से एंजॉय करते हैं, असल में उन्हें कहानी से जुड़ाव होता है।' उन्होंने ये भी बताया कि आज के दौर में कंटेंट की दुनिया में भाषा की दीवार अब मायने नहीं रखती।

'भारतीय कहानियों का दौर ग्लोबली शुरू हुआ'

भारत की समृद्ध कहानियों की विरासत की ओर ध्यान खींचते हुए एकता कपूर ने कहा, 'हमारे पास सबसे पुरानी और सबसे लंबी कहानी कहने की परंपरा है और ये हमारी असली पूंजी है, ये हमेशा से हमारी करेंसी रही है।' उन्होंने माना कि अब तक कुछ व्यावहारिक अड़चनें रही हैं, जिन्होंने भारतीय कंटेंट को दुनिया भर में तेजी से फैलने से रोका, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि भारतीय कहानियों का दौर अब ग्लोबली शुरू हो चुका है।

एकता कपूर ने फिल्म इंडस्ट्री पर की बात

एकता कपूर ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की ग्लोबल पहचान की ओर इशारा करते हुए कहा, 'अब हम वहां तक पहुंच रहे हैं'। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अब हमें सिर्फ जातीय कहानियों से बाहर निकलने की जरूरत है। अब ये नॉन-एथनिक यानी पारंपरिक कहानियों से हटकर होनी चाहिए। मुझे लगता है कि हम एक अहम मोड़ पर खड़े हैं।' यह भी पढ़ें: Aijaz Aslam को भारत के खिलाफ बोलना पड़ा भारी, बैन हुआ इंस्टाग्राम, इडियंस ने भी लगाई क्लास


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