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‘हम गलतियों से ही…’, Vikrant Massey को किस बात का पछतावा?

Vikrant Massey: अभिनेता विक्रांत मैसी की फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। रिलीज के पहले से ही फिल्म बेहद सुर्खियों में रही है। अब देखने वाली बात होगी कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर किस तरह से परफॉर्म करती है?

Vikrant Massey
Vikrant Massey: अभिनेता विक्रांत मैसी इन दिनों अपनी फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। इस फिल्म को लेकर कई तरह की बातें हो रही हैं। आज इस फिल्म ने सिनेमाघरों में दस्तक दी है। ऐसे में जाहिर है कि इसकी कमाई को लेकर भी लोगों के मन में सवाल है कि फिल्म की ओपनिंग क्या होगी? ऐसा इसलिए क्योंकि बॉक्स ऑफिस पर पहले से ही 'सिंघम अगेन' और 'भूल-भूलैया 3' मौजूद है। फिल्म को लेकर विक्रांत मैसी खुलकर बात कर रहे हैं और उन्होंने कई बातें रिवील की है। इस दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें किस बात का पछतावा है?

बॉलीवुड में कम पैसे मिलते हैं?

दरअसल, हाल ही में '12वीं फेल' एक्टर विक्रांत मैसी को शुभांकर मिश्रा के पॉडकास्ट में देखा गया। इस दौरान विक्रांत ने ना सिर्फ फिल्म पर बात की बल्कि इसके अलावा उन्होंने कई चीजों पर भी बात की। इस दौरान जब विक्रांत से पूछा गया कि फिल्म 'छपाक' के टाइम पर आपने कहा था कि मैं भी लीड में हूं, लेकिन पैसे कम मिलते हैं। अब कई अच्छी फिल्में और सीरीज आईं, अब आपकी शिकायत दूर है।

आज भी पैसे कम मिलते हैं- विक्रांत

इस सवाल पर विक्रांत मैसी हंसकर जवाब देते हैं कि मेरे नजरिए में तो आज भी पैसे कम मिलते हैं क्योंकि पैसा जितना मिले, उतना कम है। हालांकि, अगर सीरियस नोट पर बात करूं, तो हां चीजें पहले से बेहतर हुई हैं और मैंने भी शायद नादानी में वो कह दिया था या फिर शायद मेरे अंदर भी कहीं ना कहीं वो फीलिंग थी क्योंकि वो दौर ऐसा था।

अच्छे-खासे पैसे छोड़कर आया था- विक्रांत

विक्रांत ने आगे कहा कि हीरो का दोस्त प्ले कर रहा हूं, अच्छा काम कर रहा हूं, पैसे बहुत कम मिल रहे हैं। उस वक्त मैं टीवी छोड़कर आया था। अच्छे-खासे पैसे छोड़कर आया था और वो शायद मैंने तब नादानी में कह दिया। विक्रांत ने आगे कहा कि अब मेरा एक डायरेक्शन बन गया है कि विद रिगॉर्ड्स टू पेपैरिटी कम पैसा-ज्यादा पैसा कि अगर आप सिनेमा की बात कर रहे हैं और लोग आपको देखने आ रहे हैं, आपके नाम से अगर टिकट बिक रही है, तो राइटफुली आपको उतना पैसा मिलना चाहिए।

मेरी वो हैसियत नहीं थी- विक्रांत

विक्रांत ने आगे कहा कि मैं इससे सहमत हूं और उस वक्त मेरी वो हैसियत नहीं थी। मेरी पॉजिशन नहीं थी कि मुझे देखने के लिए लोग आए सिनेमा में, लेकिन इसे नादानी कह सकते हैं। हम सभी गलती करते हैं और अगर हम अपनी गलतियों से नहीं सीखे, तो क्या ही फायदा। दस साल पहले मैं जो था आज वैसा नहीं हूं। यह भी पढ़ें- ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ फेम Rohit Purohit की आंख में लगी चोट, एक्टर ने बताया कैसे हुआ हादसा?


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