‘तारे जमीन पर’ फिल्म वाले बच्चे जैसी बीमारी से जूझ चुका है ये मशहूर एक्टर, 14 साल बेची नमकीन
This Bollywood Famous actor fought dyslexia: अंग्रेजी उपन्यासकार जॉर्ज एलियट ने एक बार कहा था, 'आप जो हो सकते थे, वह बनने में कभी देर नहीं होती।' यदि आप अपने सपनों के प्रति इच्छुक हैं, तो आपको प्रयास करते रहना चाहिए या उस चिंगारी को जीवित रखना चाहिए, चाहे कुछ भी हो जाए। आज हमारे पास एक ऐसा अभिनेता है, जिनकी फिल्मों से पहले की यात्रा अपने आप में एक दिलचस्प और प्रेरणादायक फिल्म की तरह है।
स्कूल में उड़ाया जाता था मजाक
एक मध्यम वर्गीय पारसी परिवार में जन्मे बोमन ईरानी ने छह महीने की उम्र से पहले ही अपने पिता को खो दिया था। जोश टॉक्स के दौरान बोमन ने बताया कि वह 'तारे जमीन पर' फिल्म वाले बच्चे जैसी बीमारी डिस्लेक्सिया से लड़ चुके हैं। कौन बनेगा करोड़पति 12 में बोमन ने खुलासा किया कि वह भी तुतलाते थे और इसके लिए स्कूल में उनका मजाक उड़ाया जाता था। बोमन का आत्मविश्वास कम था। ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे के अनुसार, बोमन ने अपने भाषण को बेहतर बनाने के लिए गाना शुरू किया। एक बार उनकी मां स्कूल में उनका प्रदर्शन देखने आईं। कार्यक्रम के अंत लोगों ने कई देर तक तालियां बजाईं, जिसे सुनकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा।
वेटर तौर पर किया काम
बोमन की मां परिवार की देखभाल करती थीं और वह ग्रांट रोड पर उनकी फरसाण, नमकीन की दुकान भी चलाती थीं। साल बीतते गए और उसने अपनी मां को अकेले कठिन परिस्थितियों से लड़ते हुए देखा। जब बोमन ने कॉलेज की पढ़ाई पूरी की, तो उन्होंने परिवार में योगदान देना शुरू करने का फैसला किया। एक बार वह ताज होटल के मैनेजर से मिले और उनसे कहा कि वह छत पर बने रेस्तरां में काम करना चाहते हैं। मैनेजर ने उसे उत्तर दिया, 'शीर्ष पर पहुंचने के लिए, आपको नीचे से शुरू करना होगा।' इसलिए मैनेजर ने उसे रूम सर्विस में काम करने के लिए नियुक्त किया। डेढ़ साल तक काम करने के बाद बोमन उस रेस्टोरेंट में वेटर बन गए।
14 साल तक बेची नमकीन और चाय
बोमन की मां का एक्सीडेंट हो गया, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और नमकीन की दुकान चलाने का फैसला किया। अगले 14 साल तक बोमन ने नमकीन की शॉप चलाई और इस दौरान वह अपनी पत्नी से मिले, शादी की और यहां तक कि उनके बच्चे भी हुए। लेकिन पूरे समय बोमन कुछ न कुछ मिस कर रहे थे। बोमन की पत्नी ने उन्हें बाहर निकलने और खोजबीन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
180 से अधिक किए विज्ञापन
बोमन को फोटोग्राफी का शौक था और उनके पिता भी एक फोटोग्राफर थे। बोमन ने एक फोटोग्राफर के रूप में अपनी किस्मत आजमाई। शुरुआती संघर्षों के बाद बोमन को पेशे में सफलता मिली। उस वक्त एक दोस्त ने उनसे एक ऐड के लिए ऑडिशन देने को कहा। बोमन का चयन हो गया और तब से उन्होंने 180 से अधिक विज्ञापन किए। बोमन को एक कम बजट वाली लघु फिल्म में अभिनय करने की पेशकश भी की गई थी। इसके बाद मुन्ना भाई एमबीबीएस में प्रोफेसर जे. अस्थाना की भूमिका के लिए उनसे संपर्क किया गया। इस तरह उन्होंने बॉलीवुड में कई फिल्मे कीं। आज उन्हें फिल्मी जगत में सम्माजनक और सफल एक्टर की शख्सियत के रूप मे जाना जाता है।
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