The Bengal Files Trailer launch controversy: द बंगाल फाइल्स फिल्म का लॉन्च इंवेंट रद्द होने को लेकर डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री के आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने पलटवार किया है। द बंगाल फाइल्स फिल्म 1946 के कलकत्ता दंगों पर आधारित है।
कुणाल घोष ने अग्निहोत्री पर सिनेमा का इस्तेमाल राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए करने का आरोप लगाया और कहा कि विवेक अग्निहोत्री अपनी फिल्म के माध्यम से भाजपा का एजेंडा बढ़ा रहे हैं।
ड्रामा कर रहे हैं विवेक अग्निहोत्री
कुणाल घोष ने कहा, विवेक अग्निहोत्री ड्रामा कर रहे हैं। एक फ़िल्म निर्माता होने के नाते वह जो बनाते हैं वह राजनीति से प्रेरित होता है और लोगों को बाँटने के इरादे से बनाया जाता है। टीएमसी नेता ने सवाल किया कि अग्निहोत्री ने भाजपा शासित राज्यों की घटनाओं पर फ़िल्में क्यों नहीं बनाईं। उन्होंने बिलकिस बानो की कहानी पर आधारित द गुजरात फाइल्स क्यों नहीं बनाईं? यूपी फाइल्स, एमपी फाइल्स या मणिपुर फाइल्स क्यों नहीं बनाईं? वह सिर्फ़ भाजपा का एजेंडा चलाने और राज्य को बदनाम करने बंगाल आए हैं।
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गुजरात फाइल्स और एमपी फाइल्स बनाएं
बंगाल सत्यजीत रे की धरती है। अग्निहोत्री बंगाल की सांस्कृतिक विरासत के सम्मान में ही यहां रह रहे हैं। घोष ने अग्निहोत्री को चुनौती दी कि बंगाल पर ध्यान केंद्रित करने से पहले वे यूपी फाइल्स, गुजरात फाइल्स और एमपी फाइल्स जैसी फिल्में बनाएं। उन्होंने कहा, अगर उनमें हिम्मत है तो पहले यूपी फाइल्स, गुजरात फाइल्स, एमपी फाइल्स बनाएं, फिर बंगाल की बात करें। जिस तरह भाजपा बंगाल और बंगालियों का अपमान करने की कोशिश कर रही है, उसी तरह विवेक अग्निहोत्री भी उनकी कठपुतली हैं। उन्हें राज्य से बाहर निकाल देना चाहिए।
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विवेक अग्निहोत्री ने क्या लगाए थे आरोप?
कोलकाता में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग इसलिए रोक दी गई, क्योंकि फिल्म के ट्रेलर लॉन्च का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि आयोजकों ने मुझे बताया कि राजनीतिक दबाव के कारण वे इसे नहीं दिखा सकते। फिर हमने एक अन्य मल्टीप्लेक्स के मालिकों से बात की। उन्होंने भी हमें बताया कि बहुत अधिक राजनीतिक दबाव है और हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस जाएंगे, इसीलिए हम भी इसे नहीं दिखा सकते।"
निजी होटल में इसे कैसे रोक सकते हैं?
फिल्म निर्माता ने कहा, "मुझे पता चला है कि उन्होंने सारे तार काट दिए हैं। कौन निर्देश दे रहा है और वे ऐसा क्यों कर रहे हैं, मुझे नहीं पता। हमारे खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। यह एक निजी होटल है और वे एक निजी होटल में इसे कैसे रोक सकते हैं। हमें इसके लिए अनुमति दी गई है। अपनी निराशा व्यक्त करते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि एक फिल्म निर्माता के लिए यह दुखद है कि वह अपनी फिल्म को थियेटर में प्रदर्शित नहीं कर पा रहा है। यह लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है, क्योंकि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को मंजूरी दे दी थी
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आयोजन रद्द करने पर क्या बोली कोलकाता पुलिस?
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस प्रकार के स्क्रीनिंग कार्यक्रम के लिए मनोरंजन लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। आयोजकों ने कोलकाता नगर निगम से आवश्यक मनोरंजन लाइसेंस प्राप्त नहीं किया था। उन्होंने स्थानीय पुलिस को भी पहले से सूचित नहीं किया। हमें इस आयोजन के बारे में अन्य स्रोतों से जानकारी मिली। आयोजक कोई लाइसेंस नहीं दिखा सके, इसलिए हमें हस्तक्षेप करना पड़ा। यह फिल्म 5 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी।
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