Tara Sutaria Apurva: साल 2019 में 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2' (Student Of The Year 2) से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस तारा सुतारिया (Tara Sutaria) की फिल्म 'अपूर्वा' (Apurva) ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी + हॉटस्टार पर रिलीज हो चुकी है। 1 घंटा 35 मिनट की ये फिल्म एक लड़की और कुछ गुंड़ों पर आधारित है, जिसको कुछ गुंडे किडनैप कर राजस्थान के बीहड़ों में ले जाते हैं और खुद को उसने अपनी जान कैसी बचाती है। फिल्म में तारा सुतारिया 'अपूर्वा' के किरदार में और राजपाल यादव, अभिषेक बनर्जी, सुमित गुलाटी और आदित्य गुप्ता गुंडों के किरदार में नजर आ रहे हैं और धैर्य करवा अपूर्वा के मंगेतर के किरदार में नजर आ रहे हैं।
फिल्म (Tara Sutaria Apurva) की कहानी का प्लॉट काफी सिंपल हैं। इस तरह की कहानियां हम पहले भी इंडस्ट्री की कई फिल्मों में देखते हैं। जहां कुछ गुंडे एक लड़की को उठाकर ले जाते हैं वो उनसे बच कर निकलती है। इस फिल्म के मेकर्स का ये दावा है कि ये सच्ची कहानी पर आधारित है। हालांकि, इस बात को सबूत नहीं मिलता कि ये किसी सच्ची कहानी पर आधारित है। फिलहाल अगर फिल्म के बारे में बात करें तो फिल्म में कुछ लूपहोल्स यानी कमियां हैं, जिनको भरा जा सकता है।
शानदार होती है शुरुआत
हालांकि, फिल्म की शुरुआत शानदार तरीके से होती है। जहां चार गुंडे एक गाड़ी को लूटते हैं और अगली लूटपाट के लिए आगे बढ़ जाते हैं। हालांकि, उनको रेलवे ट्रैक के पास रुकना पड़ता है, क्योंकि एक ट्रेन वहां से गुजरने वाली थी, जहां कई गाड़ियां और बस खड़ी होती है। इसके बाद वो हाईवे पर वापस लौटते हैं, जहां बस वाला उन गुंडों की गाड़ी को आगे निकलने की जगह नहीं देता, जिसके बाद वो साइट से निकलकर बस के आगे अपनी गाड़ी लगा देते हैं, जिसके बाद गाड़ी वाले से उनकी झगड़ होती है और राजपाल बस ड्राइवर को मार देता है। बाकी तीनों बस में बैठे लोगों को लूटने लगते हैं।
'अपूर्वा' में नजर आई कमियां
कहानी आगे बढ़ती हैं। लड़की का फोन बजता है गुंड़ा सुन लेते हैं और उसका फोन उठाकर जवाब देने लगता है। लड़की का मंगेतर गुंडे की ईगो हर्ट करता है वो वो लड़की को उठा ले जाते हैं, जिसके बाद हम 'अपूर्वा' के बारे में पता चलता है वो कौन है और कहा से आई है। वो गुंडे लड़की को कोसों दूर तक गाड़ी में घूमाते हैं, जिसके बाद वो शराब खरीदते हैं और उसको एक खाली जगह ले जाते हैं। डराते हैं धमकाते हैं। इसी बीच एक आदमी वहां आता है, जिसका स्टोरी में कोई काम नहीं था। वो कहां से आया क्यों आया? इसका जवाब आपको नहीं मिलता। वो गुंड़ें एक सवाल के जवाब में उसको भी किडनैप कर लेते हैं, जो लॉजिक से परे सा लगता है।
'अपूर्वा' को मिलता है भागने का मौका
एक लंबा चौड़ा बीहड़ का एरिया है, जहां दूर-दूर तक कुछ नजर नहीं आता है। वहां उस खाली जगह बेहोशी का नाटक कर रही अपूर्वा चार-चार गुंडों के बीच से चालाकी से भागने का मौका मिल जाता है। अगर आम तौर पर इस कहानी को देखा जाए तो चार में एक गुंडा वहां उस पर नजर रखने के लिए हो सकता था कि वो कब होश में आएगी और अगर नहीं भी होता तब भी एक लड़की इस बात को नहीं जान पाती कि कैसे वहां से निकले।
और डरावनी हो सकती थी कहानी
चलिए... अपूर्वा गुंडों के चंगुल से निकल कर गाड़ी की रफ्तार से भाई और एक खंडहर पड़े वीराना गांव में जा पहुंची। हालांकि, गुंडों के पास गाड़ी थी और वो इस खाली जगह के बदले उसको उस खंडहर गांव में ले जा सकते थे, लेकिन नहीं। फिल्म की टाइमलाइन को बढ़ाने के लिए ऐसा किया गया। उस बड़े से खंडहर गांव में अपूर्वा छिपते हुए उन गुंडों से बचती है और एक-एक करके उनको मारती है, लेकिन उन सीन्स को देखने के बाद न तो आपके रोंगटे खड़े हैं और न ही आपको थ्रिलर जैसा कुछ महसूस होता है।
NH 10 से मिलती हैं Apurva की कहानी
ये आम किलिंग की तरह ही होता है। अगर असल जिंदगी में ऐसा कुछ होता तो यकीन मानिए वो गुंडे उसी रात उस लड़की को खोज लेते और उसकी जान ले लेते। एक ऐसी ही फिल्म साल 2015 में भी रिलीज हुई थी NH 10, जिसमें अनुष्का शर्मा ने जितना शानदार किरदार निभाया था और गुंड़ों को मारा था वो आज भी दिमाग में कहीं न कहीं घूमता है।