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फिल्म प्रोड्यूसर एकता कपूर को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, वेब सीरीज XXX से जुड़ा है मामला

प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: फिल्म प्रोड्यूसर एकता कपूर को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। शीर्ष कोर्ट ने कहा है कि आप देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही हैं। वेब सीरीज XXX में सैनिकों और उनके परिजनों की भावनाओं को आहत करने को लेकर बेगूसराय में एक पूर्व सैनिक की शिकायत […]

ekta kapoor
प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: फिल्म प्रोड्यूसर एकता कपूर को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। शीर्ष कोर्ट ने कहा है कि आप देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही हैं। वेब सीरीज XXX में सैनिकों और उनके परिजनों की भावनाओं को आहत करने को लेकर बेगूसराय में एक पूर्व सैनिक की शिकायत पर कोर्ट ने वारंट जारी किया है। बेगूसराय कोर्ट (बिहार) के द्वारा जारी वारंट के खिलाफ एकता कपूर ने SC का दरवाजा खटखटाया था। एकता कपूर ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, लेकिन हाईकोर्ट सुनवाई में विलंब कर रहा है इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अभी पढ़ें Shehnaaz Gill Video: शहनाज़ ने बेहद खूबसूरती से गाया “हां हंसी बन गए” गाना, फैंस ने कहा- ‘वाह! क्या आवाज है’

सभी के लिए उपलब्ध है कंटेंट 

कोर्ट ने कहा- "कुछ करना होगा। आप इस देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को प्रदूषित कर रहे हैं। ओटीटी (ओवर द टॉप) कंटेंट सभी के लिए उपलब्ध है। आप लोगों को किस तरह का विकल्प प्रदान कर रहे हैं? इसके विपरीत आप युवाओं के दिमाग को दूषित कर रहे हैं।" कपूर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की गई है, लेकिन इस बात की कोई उम्मीद नहीं है कि मामला जल्द ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने पहले भी इसी तरह के मामले में कपूर को संरक्षण दिया था। अभी पढ़ें Sapna Choudhary Video: काली सूट और काले चश्मे में सपना चौधरी ने दिखाया स्वैग, बोलीं- ‘छोरा आंख मारे’

हम उन लोगों के लिए जिनके पास आवाज नहीं है 

रोहतगी ने कहा कि कंटेंट सब्स्क्रिप्शन आधारित है और इस देश में चॉइस की स्वतंत्रता है। कोर्ट ने कहा- "हर बार जब आप इस अदालत आते हैं.... हम इसकी सराहना नहीं करते। "यह अदालत उन लोगों के लिए काम करती है जिनके पास आवाज नहीं है। जिन लोगों के पास हर तरह की सुविधाएं हैं, अगर उन्हें न्याय नहीं मिल सकता है तो आम आदमी की स्थिति के बारे में सोचें। हमने आदेश देखा है और हमें अपनी आपत्ति है। अभी पढ़ें – मनोरंजन  से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें 


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