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बुक माय शो से हटाए जाने पर कॉमेडियन कुणाल कामरा ने निकाली भड़ास, लिख डाला ओपन लेटर

कॉमेडियन कुणाल कामरा पिछले काफी समय से किसी ना किसी कारण को लेकर सुर्खियों में हैं। अब हाल ही में कुणाल ने अपनी भड़ास बुक माय शो पर निकाली। क्या है पूरा मामला, चलिए आपको बताते हैं।

Kunal Kamra Angry on Book My Show

स्टैंडअप कॉमेडी की दुनिया में हमेशा बेबाक अंदाज और राजनीतिक कटाक्ष के लिए पहचाने जाने वाले कुणाल कामरा एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। इस बार वजह बनी है बुक माय शो से उनका नाम हटाया जाना। लेकिन हमेशा की तरह कामरा चुप नहीं बैठे। उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी है और बुक माय शो को आड़े हाथों लिया है।

हाल ही में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर की गई टिप्पणी के बाद कामरा को जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। उनके शो में तोड़फोड़ की गई और सोशल मीडिया पर उन्हें बायकॉट करने की मुहिम भी तेज हो गई। वहीं, अब इस पूरे विवाद का असर उनकी पेशेवर जिंदगी पर भी साफ दिखने लगा है जब देश की बड़ी टिकट बुकिंग साइट बुक माय शो ने उन्हें अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया। इस पर कुणाल कामरा काफी भड़क गए। चलिए आपको बताते हैं अपने ओपन लेटर में कुणाल कामरा ने क्या कुछ कहा है।

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कुणाल कामरा का जवाब

बुक माय शो से हटाए जाने के बाद कामरा ने एक ओपन लेटर के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा कि असली मुद्दा सिर्फ नाम हटाया जाना नहीं है, बल्कि ये सवाल है कलाकारों के अधिकारों का और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की मोनोपॉली का। कामरा का कहना है कि किसी भी परफॉर्मर को अपनी ऑडियंस तक पहुंचने के लिए उसी प्लेटफॉर्म पर निर्भर रहना पड़ता है, जो उनकी कमाई का हिस्सा भी काटता है।

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उन्होंने बुक माय शो के बिजनेस मॉडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि कलाकारों को हर रोज 6 से 10 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ते हैं, ताकि वो अपने ही दर्शकों तक पहुंच सकें। चाहे कलाकार छोटा हो या बड़ा, सभी को इस सिस्टम में फंसना ही पड़ता है।

बुक माय शो पर निकाली भड़ास

कामरा ने ये भी साफ किया कि वो बायकॉट कल्चर में यकीन नहीं रखते। उन्होंने लिखा कि वो किसी निजी बिजनेस को नीचा दिखाने में विश्वास नहीं रखते, लेकिन वो चाहते हैं कि दर्शक और कलाकार, दोनों को स्वतंत्रता मिले और फैसला लेने का अधिकार सिर्फ एक कंपनी के हाथों में न हो।

शो के मंच पर हमला

महाराष्ट्र में जिस कार्यक्रम में कामरा ने उपमुख्यमंत्री के खिलाफ टिप्पणी की थी, वहां शिवसेना समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। इस पूरे मामले में उन्हें कानूनी राहत जरूर मिली है, लेकिन इसका असर अब तक उनकी पेशेवर पहचान पर पड़ रहा है। कामरा का मानना है कि एक कलाकार को उसकी राय के लिए इस तरह से सजा देना लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है।

क्या आगे और गहराएगा विवाद?

कुणाल कामरा का मामला अब सिर्फ एक शो या एक बयान तक सीमित नहीं रह गया है। ये अब एक बड़े विमर्श की शुरुआत बनता जा रहा है। जहां सवाल उठ रहे हैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की सत्ता और कलाकारों के अधिकारों पर। अब देखना होगा कि क्या बुक माय शो इस पर कोई प्रतिक्रिया देती है या फिर ये मामला और तूल पकड़ता है।


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