SatyaPrem Ki Katha Review: कमाल की लव-स्टोरी है ‘सत्यप्रेम की कथा’, पढ़ें रिव्यू
SatyaPrem Ki Katha Review
अश्वनी कुमार: कहानियां वो अच्छी होती हैं, जो आपको अंदाजा ही ना होने दे कि आगे क्या होने वाला है। जो आपको बांधकर रखे, जो आपको चौंकाए, रुलाए, हंसाए और उम्मीद की रौशनी दिखाए। यकीन मानिए बहुत दिनों के बाद बॉलीवुड में एक ऐसी फिल्म आई है, जो इन सारी खूबियों को लिए हुए हैं। जो टीजर, ट्रेलर, गानों से आपको असली कहानी की भनक तक नहीं लगने देती। सत्यप्रेम की कथा वही कहानी है।
इसका ट्रेलर बहुत अच्छा था, गाने अच्छे थे, कार्तिक और कियारा की केमिस्ट्री अच्छी थी। देखकर लग रहा था कि एक कमाल की लव-स्टोरी दिखेगी, थोड़ा ट्विस्ट होगा। मगर इतना बड़ा ट्विस्ट, जिसकी कानों-कान भनक तक ना लगे ये तो किसी ने भी नहीं सोचा था।
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सत्यप्रेम की कथा की कहानी
सत्यप्रेम उर्फ सत्तु और कथा की कहानी है। सत्यप्रेम, जिसके मोहल्ले के सारे लड़कों की शादी हो रही है और वो एल.एल.बी फेल लड़का घर के बर्तन, चूल्हा-चौके और झाड़ू लगाता है। अब बिना काम-धंधा करने वाले को कोई अपनी लड़की दे भी तो कैसे? खैर, सत्तू शादी को बेकरार है और गुजरे साल वो अहमदाबाद में नवरात्रों के दौरान गरबा फेस्टिवल में कथा से मिल चुका है।
सत्यप्रेम की कथा वाले सपनों में खोया सतू
वो कथा के साथ हैश टैग- सत्यप्रेम की कथा वाले सपनों में अब भी खोया है, जबकी उसे पता है कि कथा हैसियत और पहुंच में उससे बाहर है और दूसरा उसका ब्वॉयफ्रैंड भी है। मगर सत्तु को उसके पापा, जो उसकी ही तरह कोई कारोबार या नौकरी नहीं करते, लेकिन बेटे को बहुत चाहते हैं। उन्हे पता चलता है कि कथा का ब्रेकअप हो गया है। ऐसे में सत्तू को इस साल गरबे में जाकर कथा को शादी के लिए मनाना चाहिए।
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कहानी में ट्विस्ट
मगर फिर कहानी में ट्विस्ट आता है। कथा सुसाइड की कोशिश करती है और दीवार फांदकर कथा का दिल जीतने की कोशिश करने वाला सत्तू उसकी जान बचाता है। कथा के घरवाले ज़बरदस्ती उसकी शादी सत्तू से करवा देते हैं और फिर जो कहानी शुरु होती है, उसमें आंसू हैं, सदमें है, विश्वासघात है, दोस्ती है, प्यार है, यकीन है, खुशी है और सच्चे साथी का भरोसा है।
फिल्म देखें तो कहानी के साथ बहें
सत्यप्रेम की कथा की असली कहानी के बारे में इसके मेकर्स ने बहुत कुछ छिपाकर रखा है। उसका मकसद है कि आप जब फिल्म देखें तो कहानी के साथ बहें। इस कहानी में आपको रिश्तों को समझने, बिना किसी स्वार्थ के अपने जीवनसाथी का साथ देने और एक ऐसा मैसेज छिपा हुआ है, जो आपकी आंखें भर देगा।
सत्यप्रेम की कथा एक मिसाल
स्क्रीनप्ले, स्टोरी, डायलॉग्स के मामले में सत्यप्रेम की कथा एक मिसाल है। करण श्रीकांत शर्मा की इसके लिए जितनी तारीफ की जाए कम है। इस मुश्किल कहानी को इतनी ख़ूबसूरती से पेश करने के लिए तालियां समीर विद्वांस के लिए भी बजनी चाहिए। फिल्म की शुरुआत में आपको लगेगा कि गाने जल्दी-जल्दी आ रहे हैं, लेकिन जल्द ही समझ आ जाएगा कि हर गाने की पोजिशनिंग बिल्कुल सिचुएशन के मुताबिक है और गाने तो इसके पहले से ही कमाल कर रहे हैं।
सत्यप्रेम की कथा को 4 स्टार
कार्तिक आर्यन ने सत्यप्रेम के किरदार में खुद को पूरी तरह से झोंक दिया है। यकीन मानिए कार्तिक की ये अब तक की सबसे ईमानदार परफॉरमेंस है। कथा का मुश्किल किरदार, जिस खूबी से कियारा आडवाणी ने निभाया है आप दंग रह जाएंगें। कार्तिक के पैरेंट्स के किरदार में गजराज राव और सुप्रिया पाठक ने आपको बांधे रखते हैं। दूधिया बने राजपाल यादव ने भी कमाल का काम किया है। सत्यप्रेम की कथा को 4 स्टार।
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