पुलिस को राजा के फार्म हाउस से एक लाल डायरी मिली, जिसमें उसके सभी अपराधों की जघन्य कहानियां लिखी हुई थीं। डायरी में पहला नाम काली प्रसाद श्रीवास्तव का था, जो राजा के साथ काम करता था और साल 1997 में गायब हो गया था। राजा ने काली की हत्या की वजह बताई कि उसने राजा से 50 हजार रुपये उधार लिए थे और लौटाए नहीं थे। राजा ने काली का सिर धड़ से अलग कर उसे उबालकर उसका सूप बना लिया और अपने साले के साथ मिलकर उसे पी लिया। इसके बाद उसने काली के दिमाग को खोलकर उसे खाने की भी बात कही।
हर हत्या का एक वीभत्स किस्सा
राजा ने दूसरी हत्या मोहम्मद मोइन की थी, जो उसके साथ काम करता था और 25 हजार रुपये उधार ले चुका था। मोइन की हत्या भी उसी वीभत्स तरीके से की गई, जिसमें उसके सिर को भी उबालकर खोपड़ी रंगी गई। राजा ने मोइन के सिर को नदी में फेंक दिया ताकि उसे दफनाया न जा सके और मुसलमान मोहम्मद मोइन को मरने के बाद भी शांति न मिले।
जेल में कैसा बीत रहा राजा का जीवन?
राजा कोलंदर आज उम्रकैद की सजा काट रहा है और खुद को निर्दोष मानता है। वो जेल में रामायण और भागवत गीता पढ़ता है। राजा के बारे में कहा जाता है कि उसने कुल 14 हत्याएं की। राजा का कहना है कि उसे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है और वो चुनाव लड़ना चाहता था। उसका परिवार भी कहीं ना कहीं ये जानता है कि वो घिनौना अपराधी है लेकिन उसे लगता है कि उसका परिवार भी उसे निर्दोष मानता है जबकि आज समाज उसे ‘नरपिशाच’ के नाम से जानता है।
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