‘महाभारत के श्रीकृष्ण’ ने Oppenheimer के विवादित सीन पर रखी अपनी राय, जानें क्या बोले नीतीश भारद्वाज
Nitish Bhardwaj On Oppenheimer Controversy
Nitish Bhardwaj On Oppenheimer Controversy: फिल्म 'ओपेनहाइमर' के आपत्तिजनक सीन पर महाभारत में 'भगवान श्रीकृष्ण' का रोल प्ले करने वाले एक्टर नीतीश भारद्वाज ने अपना रिएक्शन दिया है।
नीतीश भाद्वाज का कहना है कि "गीता मूल रूप से युद्ध के मैदान के बीच में कर्तव्य की भावना सिखाती है। हमारी लाइफ का स्ट्रग्ल भी मुख्य रूप से इमोशनल, युद्ध के मैदान हैं।
श्लोक 11.32 में अर्जुन को एक योद्धा के रूप में अपना कर्तव्य निभाने के लिए भी कहा गया था, जो कि बुराई से लड़ना है। कृष्ण के पूरे श्लोक को ठीक से समझना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मैं शाश्वत काल हूं जो हर चीज को मार डालूंगा; इसलिए हर कोई मर जाएगा, भले ही आप उन्हें न मारें, इसलिए अपना कर्तव्य निभाएं।"
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उन्हें शायद अपने आविष्कार पर पछतावा हुआ- नीतीश
नीतीश भारद्वाज ने कहा कि फिल्म साइंटिस्ट जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर पर बेस्ड है और जब ओपेनहाइमर ने परमाणु बम बनाया और इसका इस्तेमाल जापान की ज्यादातर आबादी को मारने के लिए किया गया तो वे (ओपेनहाइमर) खुद सवाल कर रहे थे कि क्या उन्होंने अपना कर्तव्य ठीक से निभाया? उनके फेमस इंटरव्यू में उन्हें रोते हुए दिखाया गया था, जिसका मतलब है कि उन्हें शायद अपने आविष्कार पर पछतावा हुआ था।
उनका आविष्कार भविष्य में मानव जाति को नष्ट कर देगा- नीतीश भारद्वाज
भारद्वाज ने कहा कि शायद ओपेनहाइमर ने महसूस किया था कि उनका आविष्कार भविष्य में मानव जाति को नष्ट कर देगा और उन्हें शायद पछतावा भी था। एक साइंटिस्ट अपने इनोवेशन के बारे में 24x7x365 (24 घंटे, 365 दिन) दिन सोचता है, चाहे वह कुछ भी कर रहा हो। उसका माइंड स्पेस पूरी तरह से उसकी क्रिएशन में समा जाता है और फिजिकल एक्ट सिर्फ एक नेचुरल मैकेनिकल एक्ट है।"
इस इमोशनल पहलू के बारे में सोचें- नीतीश
वहीं, नीतीश ने आगे कहा कि "मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे ओपेनहाइमर की लाइफ के महत्वपूर्ण क्षणों के इस इमोशनल पहलू के बारे में सोचें। क्या वह सही साबित नहीं हुए हैं कि अब हम सभी विस्फोटक टेक्नीक का इस्तेमाल कर अपनी ही जाति को मारते हुए देखते हैं। आज स्थिति कुरूक्षेत्र जैसी ही है, यही वजह है कि ब्राह्मणों और क्षत्रियों ने जानबूझकर इसका प्रचार नहीं किया। युद्ध का वेद-धनुर्वेद, संयुक्त राष्ट्र को परमाणु निरस्त्रीकरण को गंभीरता से लागू करना चाहिए। नोलन का मैसेज जोरदार और क्लियर है।"
21 जुलाई को रिलीज हुई है फिल्म
शुक्रवार यानी 21 जुलाई को फिल्म रिलीज हुई है। एक तरफ तो ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ फिल्म विवादों में भी फंस गई है। फिल्म भारतीय बॉक्स ऑफिस पर अब तक 55.86 करोड़ की कमाई कर चुकी है। डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म 'ओपेनहाइमर' में एक आपत्तिजनक सीन को लेकर हंगामा मचा है।
ये है मामला
जिस सीन को लेकर विवाद है, उसमें एक्टर सिलियन मर्फी दिख रहे हैं जो आपत्तिजनक सीन में पवित्र हिंदू धर्मग्रंथ भगवद गीता के श्लोकों का पाठ करते दिख रहे हैं। इस सीन को लेकर भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने भी नाराजगी जताई है।
जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर की लाइफ पर बेस्ड है 'ओपेनहाइमर'
बता दें कि ये फिल्म साइंटिस्ट जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर की लाइफ पर बेस्ड है। जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर का भगवद गीता से संबंध था। परमाणु बम के जनक के रूप में जाने जाने वाले ओपेनहाइमर ने संस्कृत सीखी और वे इस धर्मग्रंथ से प्रभावित थे। उन्होंने परमाणु हथियार के पहले विस्फोट का वर्णन करते हुए भगवद गीता के एक श्लोक को प्रसिद्ध रूप से उद्धृत किया – “मैं मृत्यु बन गया हूं, दुनिया का विनाशक।”
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