बॉलीवुड अभिनेत्री और मंडी से सांसद कंगना रनौत एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं और इस बार मामला उनके मनाली स्थित घर के बिजली बिल को लेकर गरमा गया है। कंगना ने दावा किया था कि उनके बंद पड़े घर का बिजली बिल लगभग एक लाख रुपये आया है, जिसे लेकर उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी। लेकिन अब हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड ने उनके इन दावों को गलत बताया है और पूरे मामले का ब्योरा सार्वजनिक कर दिया है।
बिजली बोर्ड ने बता दिया हिसाब-किताब
हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड के एमडी संदीप कुमार ने प्रेस के सामने जानकारी देते हुए बताया कि कंगना रनौत का बिजली बिल सिर्फ एक महीने का नहीं, बल्कि दो महीनों का बकाया है, जिसमें पुरानी खपत और भुगतान में देरी के कारण सरचार्ज भी जुड़ा हुआ है। कुल बकाया राशि 90,384 रुपये है, न कि एक लाख जैसा कि कंगना ने दावा किया था।
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उन्होंने बताया कि कंगना के घर का विद्युत लोड करीब 94.82 किलोवाट है, जो एक सामान्य घर की तुलना में 1500 फीसदी अधिक है। ऐसे में बिजली खपत भी काफी ज्यादा है। दिसंबर महीने में 6,000 यूनिट और फरवरी में 9,000 यूनिट बिजली खपत दर्ज की गई थी।
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कंगना ने सब्सिडी का उठाया लाभ
बिजली विभाग के मुताबिक, कंगना समय पर बिलों का भुगतान नहीं कर रही थीं। अक्टूबर से दिसंबर तक का बिल 82,061 रुपये था, जो उन्होंने जनवरी में अदा किया। वहीं, जनवरी और फरवरी का भुगतान मार्च के आखिर में किया गया। इसके बावजूद उन्होंने सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का भी लाभ उठाया। फरवरी के बिल में उन्हें 700 रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई।
मुख्यमंत्री ने मामले पर दिया बयान
इस पूरे मामले पर राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत अकसर इस तरह के बयान देती रहती हैं, जिन्हें वो गंभीरता से नहीं लेते। उन्होंने ये जरूर कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो जांच करें कि इतना अधिक बिल कैसे आया।
इसके साथ ही सुक्खू ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के एक बयान का हवाला देते हुए तंज कसते हुए कहा कि अगर कोई इंसान अपने कर्तव्यों में रुचि नहीं रखता तो उसे पद पर बने रहना शोभा नहीं देता।
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