Javed Akhtar questioned animal and Khalnayak song: फेमस राइटर और लेखक जावेद अख्तर ने हाल ही में औरंगाबाद में चल रहे 'अजंता इलोरा फिल्म फेस्ट' में बातचीत के दौरान रणबीर कपूर की फिल्म एनिमल को खतरनाक बोला। इसके अलावा 1993 में रिलीज हुई फिल्म 'खलनायक' के गाने 'चोली के पीछे क्या है' के सुपरहिट होने और ऑडियंस के च्वॉइस पर भी सवाल उठाया। जावेद का मानना है कि अल्फा मेल और टॉक्सिक पर्सनैलिटी की छवि दिखानी वाली ऐसी फिल्में अगर ऑडियंस को पसंद आ रही हैं और वो वर्ल्डवाइड 900 करोड़ की कमाई कर रही है, तो ये खतरनाक है।
'चोली के पीछे क्या है' गाने के फेमस होने से जावेद को ऐतराज
जावेद अख्तर ने एनिमल के साथ-साथ गाना बना था , जिसे 8 लोगों ने मिलकर बनाया था। समस्या ये नहीं थी कि ये गाना बना था, डरावनी बात ये है कि करोड़ो लोगों ने इसे पसंद किया था। यह तक कि ये गाना आज भी पसंद किया जाता है।
ऑडियंस पर है बड़ी जिम्मेदारी
सिंगर का कहना है फिल्म या गाने बनाने वाले से ज्यादा ये लोगों पर निभर करता है कि वो कैसी फिल्में और गाने पसंद कर रहे हैं। कैसा कंटेंट एक्सेप्ट कर रहे हैं। जावेद अख्तर ने ये भी कहा ये ऑडियंस को तय करना चाहिए कि कैसी फिल्में बनेंगी और कैसी फिल्में देखी जाएंगी। इसके अलावा ऑडियंस की जिम्मेदारी है कि वो फिल्मों में क्या वैल्यूज दिखाना चाहते हैं।
अल्फा मेल की परिभाषा गलत
जावेद अख्तर ने बिना नाम लिए एनिमल के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा पर निशाना साधते हुए कहा कि फिल्म बनाने वाले पर निर्भर करता है कि फिल्म के किरदार को कैसे दिखाया जाए। जावेद ने वांगा की फिल्म कबीर सिंह को भी घेरते हुए कहा, फिल्मों में अल्फा मेल को गलत तरीके से दिखाया गया है। अल्फा मेल का मतलब ये नहीं है कि वो किसी महिला को थप्पड़ मार सकता है या फिर जूते चाटने को कह सकता है।
आज के राइटर्स कंफ्यूज हैं इसलिए गढ़ रहे रणविजय जैसा किरदार
जावेद ने ये भी कहा कि आज के राइटर कंफ्यूज हैं कि वो कैसे आदमी को हीरो कहे, उसका हीरो कैसा होना चाहिए, वो आज के दौर के अनुसार किस तरह बिहेव करन चाहिए। उनके ऊपर एक ऐसा किरदार निजात करने का प्रेशर होता है, जिसे आज का युवा पसंद करे ताकि वो खुद को उस किरदार से रिलेट कर पाए। इसी कंफ्यूजन में रणविजय सिंह या कबीर सिंह जैसे किरदार गढ़े जा रहे हैं।