‘गांववाला डायरीज’ के निर्माता धनंजय मासूम के ‘गांववाला कॉन्सेप्ट स्टूडियोज’ ने डिजिटल दुनिया में दी दस्तक
कहते हैं भारत गांवों में बसता है। मगर ऐसा कोई डिजिटल प्लेटफॉर्म नहीं है जो पूरी तरह से गांवों पर आधारित कंटेट व शो का निर्माण करता हो सिवाय 'गांववाला कॉन्सेप्ट स्टूडियोज' के जिसने डिजिटल दुनिया में अपनी कामयाबी पहला कदम बढ़ा दिया है।
'गांववाला कॉन्सेप्ट स्टूडियोज' एकमात्र ऐसा स्टूडियो है जो गांवों पर आधारित विविध तरह के शो का निर्माण कर गांवों से जुड़े तमाम मुद्दों को सामने लाने की हरसंभव कोशिश करता है। निर्माता धनंजय मासूम स्थापित 'गांववाला कॉन्सेप्ट स्टूडियोज' ने अपने गांव केंद्रित रोचक कंटेट के आधार पर देखते ही देखते गाँव प्रेमियों के बीच एक अनूठी मिसाल कायम कर ली है।
फिल्म निर्माता धनंजय मासूम ने एक कॊपीराइटर व एक क्रिएटिव डायरेक्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। फिर एक माध्यम के रूप में उन्होंने टेलीविजन को चुना जहां उन्होंने 15-20 सालों का अनुभव हासिल किया। इसके बाद उन्होंने मराठी फ़िल्मों के निर्माण की दुनिया में कदम रखा और एक से बढ़कर एक मराठी फिल्मो का निर्माण किया जिनमें 'फुंतरू' और 'टकाटक' शामिल हैं। लेकिन धनंजय सिंह मासूम को जल्द ही इस बात का एहसास हो गया कि आज की तारीख़ में डिजिटल माध्यम जैसा ताकतवर माध्यम और कोई नहीं है और डिजिटल प्लेफॊर्म पर बिना किसी रोक-टोक के गांव से जुड़ी कहानियों को सशक्त अंदाज में दर्शकों के सामने पेश किया जा सकता है। इसी के चलते धनंजय सिंह मासूम ने 'गांववाला कॉन्सेप्ट स्टूडियोज' की शुरुआत की।
'गांववाला कॉन्सेप्ट स्टूडियोज' का मूलमंत्र है कि "जिस कहानी में गांव नहीं, वो हमें सुनानी नहीं". इसी के मद्देनज़र धनंजय मासूम ने 'गांव डायरीज, बिहार' का निर्माण किया था जिसके तहत 'बेरोजगार पति', 'ब्याह कटवा', 'साली की जालसाजी' और 'बंटवारा' जैसे एपिसोड्स पेश किये गये थे। इन तमाम एपिसोड्स को जनता का खूब प्यार मिला।
अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए निर्माता धनंजय मासूम कहते हैं कि 'बेरोज़गार पति' की अपार सफलता के बाद हम इस टाइटल के तहत 10 और एपिसोड्स बनाने के बारे में सोच रहे हैं जिनके ज़रिए हम गांव में एक बेरोज़गार पति और एक कामकाजी पत्नी के बीच आने वाली रोज़ाना की समस्याओं पर फ़ोकस करेंगे. इसमें दोनों के रिश्तों के प्रति समाज के नज़रिए और आपसी क्लेश को भी दर्शाया जाएगा. धनंजय मासूम बताते हैं कि हाल ही में उन्होंने 'ससुराल झुनकी का' के 5 एपिसोड्स भी तैयार कर लिये हैं जो जल्द ही डिजिटल चैनल पर उपलब्ध होंगे. इस शो को दो सीज़न के हिसाब से बनाया जाएगा और हर सीज़न में 26-26 एपिसोड्स होंगे.
'ससुराल झुनकी का' झुनकी नामक लड़की की कहानी है जिसकी शादी 18 साल की उम्र में कर दी जाती है. मगर उसे अपनी जिम्मेदारियों के साथ साथ तमाम रिश्तों को समझने में वक्त लगता है. ये एक लापरवाह लड़की से एक परिपक्व महिला बनने की कहानी है.अगले शो का नाम है 'मोहब्बत से आगे' जो एक ऐसी टीनेज लड़की की कहानी है जो शादी से पहले से ही प्रेग्नेंट हो जाती है. इसके अलावा जल्द ही 'बिदेशी बेटा' नामक शो भी रिलीज़ किया जाएगा. इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक लड़का विदेश से अपने गांव लौटना चाहता है मगर उसे तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इस साल के अंत में एक और वेब शो 'पाहुना हो पाहुना' की शूटिंग भी शुरू हो जाएगी. उल्लेखनीय है कि यूपी और बिहार में 'पाहुन' का मतलब दामाद होता है. इसमें एक ऐसे दामाद को दिखाया गया है जो हमेशा अपने सास-ससुर के मामलों में दखलअंदाज़ी करता है और तमाम परेशानियां खड़ा कर देता है
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