How OTT platforms skirted warnings against obscene content: जिन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने बोल्ड कंटेंट को लेकर सरकार की गाइडलाइंस को इग्नोर किया, उन्हें बैन किया गया है। Ullu-Hulchul ऐप समेत 25 ऐप ऐसे थे, जिनमें बोल्ड कंटेंट की भरमार थी। पारिवारिक संबंधों को गलत तरीके से दिखाया था। वार्निंग्स पर न तो ध्यान किया, साथ ही उन्हें नजरअंदाज भी किया। Ullu ऐप से 100 से अधिक वेबसीरीज का कंटेंट आपत्तिजनक होने के कारण हटाया भी गया था। अब सरकार ने 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म से संबंधित 26 वेबसाइटों और 14 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाया है।
मई में हटाई गई थी हाउस अरेस्ट वेबसीरीज
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स मंत्रालय की वार्निंग के बाद अस्थाई तौर पर ही कंटेंट को हटाता है, बाद में संपादित के बाद उसके फिर से अपलोड कर देता है। ऐसी ही शिकायतें दोबारा मिलने के बाद सरकार ने बैन की कार्रवाई की है। इसी साल मई में उल्लू की हाउस अरेस्ट वेबसीरीज को इसी बोल्ड कंटेंट की भरमार के चलते हटाया गया था। इससे पहले फरवरी में ओटीटी प्लेटफॉर्म को आईटी नियम 2021 और भारत में बोल्ड कंटेंट को लेकर बनीं गाइडलाइंस को मानने की सलाह दी गई थी।
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पांच ब्लॉक प्लेटफार्म ने बनाए नए वेबसाइट डोमेन
मंत्रालय ने सूत्रों ने यह भी बताया कि मार्च 2024 में जिन पांच प्लेटफॉर्म पर बैन लगाया गया था, उन्होंने वेबसाइट के नए डोमेन बनाकर बोल्ड कंटेंट को अपलोड करना शुरू कर दिया गया था। इससे पहले सितंबर में जिन 25 प्लेटफार्मों पर अब प्रतिबंध लगा दिया गया है, उनमें से कई प्लेटफार्म पर अभी तक बोल्ड कंटेंट अपलोड हो रहे थे। वे सरकार की वार्निंग का लगातार उल्लंघन कर रहे थे।
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क्या है DPCGC? जो लेती है ऐसे कंटेंट पर एक्शन
सरकार की ओर से गठित डिजिटल पब्लिशर कंटेंट ग्रीवेंस काउंसिल (DPCGC) वो सेल्फ रेगुलेटरी संस्था है जो सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज के नेतृत्व में काम करती है। वह वेबसाइट के कंटेंट को मॉनीटरिंग करती है। एएलटीटी और उल्लू सहित 40 ओटीटी प्लेटफॉर्म इसके सदस्य हैं। संस्था की जांच में सामने आया कि उक्त ओटीटी प्लेटफॉर्म में काफी ऐसा बोल्ड कंटेंट था, जो गैर जरूरी था। पिछले साल जुलाई और अगस्त 2024 में अश्लील कंटेंट दिखाने वाले विशेष रूप से उल्लू और एएलटीटी को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी सरकार से संपर्क साधा था।
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नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम को भी जारी हुए थे नोटिस
मौजूदा 25 ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इसलिए भी लगाया गया है कि इन ओटीटी प्लेटफॉर्म को IT Act के साथ महिलाओं पर गलत तरीके से दिखाने का दोषी पाया गया। इस साल की शुरुआत में एक जनहित याचिका के तहत यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था और नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, एक्स (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब के अलावा उल्लू, एएलटीटी और अन्य को भी नोटिस जारी किए गए थे।
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