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Arjun Rampal को बॉम्बे HC से मिली राहत, टैक्स चोरी मामले में जारी गैर-जमानती वारंट हुआ रद्द

Arjun Rampal Tax Evasion Case: अर्जुन रामपाल के टैक्स चोरी केस में बॉम्बे हाईकोर्ट से एक्टर को अच्छी खबर मिली है। एक्टर की मुश्किलें अब कम हो गई हैं, क्योंकि उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट रद्द कर दिया गया है।

अर्जुन रामपाल के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट रद्द
बॉलीवुड एक्टर अर्जुन रामपाल को आज बॉम्बे हाईकोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट जारी था, जिसे अब हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। आपको बता दें, साल 2019 में एक लोकल कोर्ट ने एक्टर अर्जुन रामपाल के खिलाफ टैक्स चोरी मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया था। अब इसे लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो स्थानीय अदालत के आदेश को रद्द कर दिया गया है। इस आदेश को मकैनिकल और क्रिप्टिक बताया गया है।

अर्जुन रामपाल मामले में हाईकोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट का कहना है कि मजिस्ट्रेट का ऑर्डर कानून के विपरीत था और इसे बिना सोचे-समझे पास किया गया था। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 276C(2) के तहत अपराध के लिए I-T डिपार्टमेंट के शुरू किए गए साल 2019 के इस मामले में अर्जुन के खिलाफ मजिस्ट्रेट अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। ऐसे में एक्टर ने अपने खिलाफ मजिस्ट्रेट अदालत के इस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

हाईकोर्ट ने एक्टर के पक्ष में सुनाया फैसला

आपको बता दें, ये धारा जानबूझकर टैक्स, जुर्माना या ब्याज चुकाने से बचने के प्रयास करने से जुड़ी हुई है। बताया जा रहा है कि अर्जुन रामपाल ने याचिका दायर की थी जिसमें उनके वकील ने मजिस्ट्रेट के सामने पेशी से छूट के लिए रिक्वेस्ट की थी। अदालत ने इस एप्लीकेशन को रिजेक्ट कर दिया और अर्जुन रामपाल के खिलाफ ये गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था। जिस अपराध के लिए एक्टर को आरोपी बनाया गया है, उसके लिए 3 साल की सजा हो सकती है और ये जमानती अपराध है। यह भी पढ़ें: Kapil Sharma Show के Das Dada का निधन, शोक में डूबे कॉमेडियन और उनकी टीम

हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश पर जताई आपत्ति

हाईकोर्ट का कहना है कि जमानती अपराध मामले में एक्टर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करना गलत होगा। साथ ही ये भी कहा गया है कि मजिस्ट्रेट ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि अर्जुन रामपाल के वकील भी अदालत में मौजूद थे। हाईकोर्ट ने बताया कि साल 2016-17 के लिए पूरी टैक्स अमाउंट का भुगतान किया गया था, लेकिन देरी से। डिपार्टमेंट ने अपनी शिकायत में जिस तरह का आरोप लगाया है, उसमें टैक्स चोरी नहीं हुई।


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