TrendingInd Vs AusIPL 2025Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024

---विज्ञापन---

UGC New Norms: यूजी डिग्रियों के लिए यूजीसी के नए नियम आज हो सकते हैं जारी, उससे पहले छात्र जान लें ये जरूरी बातें

UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा आज, 12 दिसंबर को अंडर ग्रेजुएट (UG) डिग्री के लिए नए मानदंडों (UGC New Norms) की घोषणा करने की उम्मीद है। इनके अनुसार, छात्रों को अब यूजी ऑनर्स डिग्री (UG honours degree) प्राप्त करने के लिए चार साल पढ़ाई करनी होगी। बता दें इससे पहेल अंडर ग्रेजुएट में तीन […]

UGC New Guidelines
UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा आज, 12 दिसंबर को अंडर ग्रेजुएट (UG) डिग्री के लिए नए मानदंडों (UGC New Norms) की घोषणा करने की उम्मीद है। इनके अनुसार, छात्रों को अब यूजी ऑनर्स डिग्री (UG honours degree) प्राप्त करने के लिए चार साल पढ़ाई करनी होगी। बता दें इससे पहेल अंडर ग्रेजुएट में तीन साल की पढा़ई होती थी।

अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स के लिए यूजीसी के नए नियमों के बारे में छात्रों ये जानना बेहद जरूरी-

  • इसके ड्राफ्ट रेगुलेशंस में लिखा है कि करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क फॉर फोर ईयर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के नए सिस्टम के अंतर्गत किसी स्टूडेंट को यूजी डिग्री तभी मिलेगी जब वह 120 क्रैडिट्स तीन साल में पूरे करता है, और यूजी ऑनर्स डिग्री चार साल में 160 डिग्री क्रैडिट पूरे करने पर मिलेगी। अभी के ताजा सिस्टम में यूजी ऑनर्स डिग्री लेने के लिए स्टूडेंट्स को तीन साल लगते हैं।
  • ड्राफ्ट रेगुलेशंस में यह भी लिखा है कि जो स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन लेवल पर रिसर्च स्पेशलाइजेशन लेना चाहते हैं, वे चार साल डिग्री प्रोग्राम ले सकते हैं, ह उनकी ऑनर्स डिग्री विद रिसर्च स्पेशलाइजेशन होगी। यूजीसी के मुताबिक, सभी स्टूडेंट्स के लिए यह प्रोग्राम मुहैया कराया जाएगा। लेकिन, इसमें दाखिले के लिए छात्रों को बाध्य नहीं किया जाएगा। छात्र चाहें तो वह पहले से चले आ रहे तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रमों को ही जारी रख सकते हैं।
ICSI CS Admit card 2022: सीएस दिसंबर सत्र परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी, यहां चेक करें जरूरी डिटेल्स
  • ये चार साल यूजी प्रोग्राम नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के अंतर्गत है, जो चार साल के अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज की बात करता है, जिसमें मल्टीपल एंट्री और एघ्जिट हैं। कई यूनिवर्सिटीज जैसे दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी इसे प्रोग्राम पहले ही शुरू कर चुके हैं।
  • यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि एफवाईयूजीपी के तहत सिर्फ नए छात्रों को दाखिला लेने का मौका दिया जाएगा तो इसका परिणाम चार साल बाद पता चलेगा। वहीं, यदि पुराने छात्रों को इसमें शामिल होने का मौका मिलता है तो परिणाम पहले दिखाई देंगे।
  • चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के उपरांत दो साल का परास्नातक (पीजी) और एमफिल करने वालें छात्रों के लिए पीएचडी में दाखिले के लिए 55 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा। हालांकि, एमफिल कार्यक्रम को अब बहुत लंबे समय तक जारी नहीं रखा जाएगा। ऐसा नई शिक्षा नीति के तहत किए गए बदलावों के कारण किया जा रहा है।
और पढ़िए – शिक्षा से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ  पढ़ें


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.