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बार-बार र‍िजेक्‍ट हो रहा कनाडा का वर्क परम‍िट? IRCC ने बताई असली वजह

साल 2025 में कनाडा में स्टूडेंट वीजा रिजेक्शन रेट पिछले दस सालों में सबसे ज्‍यादा 62% हो गया है. इसमें भारतीय आवेदकों को 80% तक रिजेक्शन का सामना करना पड़ रहा है. IRCC ने इसकी वजह बताई है और ये भी समझाया है क‍ि कैसे वर्क परम‍िट को र‍िजेक्‍ट होने से बचा सकते हैं?

क्‍यों र‍िजेक्‍ट हो रहा है वर्क परम‍िट

कनाडा, जिसे लंबे समय से इंटरनेशनल एजुकेशन के लिए सबसे ज्‍यादा वेलकम‍िंग कंट्री माना जाता रहा है, अब वहां व‍िदेशी छात्रों के ल‍िए स्‍टडी और काम करने की परम‍िशन लेना बेहद मुश्‍क‍िल होता जा रहा है. इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) के हाल‍िया डेटा की मानें तो साल 2025 में रिकॉर्ड 62% स्टूडेंट वीजा एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिए गए, जो पिछले साल के 52% से काफी ज्‍यादा है. इसी कड़ी में उनके सामने एक और चुनौती आ गई है और वो है बार-बार वर्क परम‍िट के र‍िजेक्‍ट होने की समस्‍या.

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दरअसल, कनाडा में पढ़ाई करने के बाद छात्र वहीं काम करने के ल‍िए वर्क परम‍िट लेते हैं. इसे पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) कहा जाता है. ग्रेजुएशन करने के 180 द‍िनों के भीतर स्‍टूडेंट्स को वर्क परम‍िट लेना होता है. छात्रा की श‍िकायत ये है क‍ि सब कुछ ठीक होने के बावजूद वर्क परम‍िट र‍िजेक्‍ट हो रहा है. ऐसे में IRCC ने इन सभी कंफ्यूजन को दूर करने के ल‍िए कुछ इंस्‍ट्रक्‍शन बताए हैं. यहां जान‍िये:

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क्‍या कहते हैं आंकड़े

कनाडा की सरकार ने साल 2025 में 437000 स्टडी परमिट जारी करने की योजना की घोषणा की थी. यानी पिछले साल की तुलना में लगभग 10% कम. VnExpress की एक र‍िपोर्ट के अनुसार, इनमें से 73000 पोस्टग्रेजुएट छात्रों के लिए, लगभग 243000 अंडरग्रेजुएट और अन्य प्रोग्राम के लिए और लगभग 120000 स्कूली बच्चों और रिन्यूअल के लिए रखे गए हैं.

सख्‍त हैं न‍ियम
पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट के नियम सख्त हो गए हैं. यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट्स को अब B2 लेवल या उससे ऊपर के इंग्लिश या फ्रेंच भाषा टेस्ट के नतीजे दिखाने होंगे, जबकि कॉलेज ग्रेजुएट्स को कम से कम B1 लेवल चाहिए. कोई भी स्टूडेंट जो अनअप्रूव्ड प्रोग्राम में जाएगा, वह अब पोस्ट-स्टडी वर्क परमिट के लिए एलिजिबल नहीं होगा. इन बदलावों के अलावा, ओटावा ने स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम को भी बंद कर दिया है, यह एक ऐसी स्कीम थी जिससे 14 देशों के स्टूडेंट्स को बिना फाइनेंशियल प्रूफ के तेजी से वीजा मिलता था.

इस दो डॉक्‍युमेंट्स की वजह से होता है र‍िजेक्‍शन
IRCC ने बताया क‍ि पोस्‍ट ग्रेजुएशन वर्क परम‍िट के र‍िजेक्‍ट होने की सबसे बड़ी वजह है एप्लिकेशन फॉर्म में लैंग्वेज टेस्ट रिपोर्ट और प्रूफ ऑफ फील्ड ऑफ स्टडी का नहीं होना.ये दोनों डॉक्‍यूमेंट बहुत जरूरी हैं. लेक‍िन इन दोनों ही डॉक्यूमेंट्स को अपलोड करने के लिए अलग से कोई स्‍लॉट नहीं है. इसल‍िए लोगों को यह गैरजरूरी लगता है और इसील‍िए वो बाकी के डॉक्‍यूमेंट्स के साथ इसे अपलोड नहीं करते और उनका फॉर्म र‍िजेक्‍ट हो जाता है.

स्‍लॉट नहीं तो अपलोड कहां करें
IRCC ने बताया है क‍ि इन दोनों डॉक्यूमेंट्स को Client Information नाम के सेक्शन में अपलोड कर सकते हैं. इस सेक्शन में सिर्फ एक ही डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकते हैं, इसल‍िए इन दोनों का एक पीडीएफ बना लें और अपलोड कर दें.


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