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Constitution Day 2022: राष्ट्रिय संविधान दिवस पर पढ़ें ‘भारत के संविधान’ की प्रस्तावना, औरों को भी पढ़ाएं

Constitution Day 2022: 1949 में 26 नवंबर के दिन भारतीय संविधान को अपनाया गया था, तभी से उस दिन को देशभर में कॉन्स्टिट्यूशन डे या संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें राष्ट्रीय संविधान दिवस को राष्ट्रीय कानून दिवस और भारतीय संविधान दिवस के नाम से भी जाना […]

Constitution Day 2022
Constitution Day 2022: 1949 में 26 नवंबर के दिन भारतीय संविधान को अपनाया गया था, तभी से उस दिन को देशभर में कॉन्स्टिट्यूशन डे या संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें राष्ट्रीय संविधान दिवस को राष्ट्रीय कानून दिवस और भारतीय संविधान दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए इसकी प्रस्तावना से लेकर इसके लिखे जाने तक की पूरी कहानी इस अवसर पर स्टूडेंट्स और आम नागरिक को पता होने चाहिए। इसलिए हम यहां संविधान की प्रस्तावना लिख रहे हैं। बता दें कि 26 नवंबर 1949 को देश की संविधान सभा ने मौजूदा संविधान को विधिवत रूप से स्वीकार किया था, लेकिन इसे स्वीकार किए जाने के दो महीने बाद यानी 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को लागू किया गया था। इसी कारण 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। Karnataka PGCET Answer Key 2022: कर्नाटक पीजीसीईटी आंसर-की पर आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तिथि बढ़ी, इस दिन तक करें अप्लाई

संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य

दरअसल सबसे पहले सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट मंत्रालय ने 26 नवंबर के दिन को संविधान दिवस मनाने का फैसला किया, जिससे इसकी वैल्यूज को प्रमोट किया जा सके। देश के लोगों को संविधान के बारे में जागरुक करने के लिए संविधान दिवस मनाया जाता है। संवैधानिक मूल्यों की जानकारी देश के हर नागरिक को हो इसके लिए संविधान दिवस मनाने का फैसला हुआ था। इसलिए इस दिन स्कूल कॉलेजों में भारत का संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा जाता है और भारत के संविधान की विशेषता एवं महत्व पर चर्चा की जाती है।

भारत के संविधान की प्रस्तावना

उद्देशिका "हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा, उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढाने के लिए, दृढसंकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई. (मिति मार्ग शीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हज़ार छह विक्रमी) को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।"
महत्वपूर्ण जानकारी
छात्रों और आमनागरिक की जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन में आपातकाल के वक्त 42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 के द्वारा प्रस्तावना में 'समाजवाद', 'पंथनिरपेक्ष' और 'राष्ट्र की अखंडता शब्द जोड़े गए थे। ये शब्द पहले नहीं थे। और पढ़िए – शिक्षा से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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